अपडेटेड 4 July 2025 at 19:58 IST
Barabanki News : कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। बुजुर्गां से लेकर बच्चों तक, हर वर्ग के लोग शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से सामने आया है। यहां 12 साल के मासूम ने हार्ट अटैक से स्कूल के गेट पर दम तोड़ दिया। इस मामले ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। गर्मी की छुट्टियों के बाद छात्र का स्कूल में पहला दिन था।
ये पूरा मामला बाराबंकी के घेरी बिशुनपुर गांव का है। सामने आए CCTV में देखा जा सकता है कि बच्चा अपने पिता के सामने बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। 12 साल का अखिल प्रताप सिंह 7वीं कक्षा का छात्र था। अखिल मंगलवार को स्कूल जाने के लिए घर से अपने पिता के साथ कार से निकला था। स्कूल के गेट पर जैसे ही अखिल कार से स्कूल के अंदर जाने के लिए उतारा तो बेहोश होकर नीचे गिर गया। हालांकि 12 साल के बच्चे को हार्ट अटैक आना बहुत दुर्लभ है।
सामने आए CCTV में अखिल के पिता को अपने बेटे को गोद में लेकर तड़पते हुए देखा जा सकता है। आनन-फानन में उसे नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने तुरंत लखनऊ रेफर कर दिया। बेटे को लेकर मां-बाप बाराबंकी से लखनऊ के लिए भागे, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह ‘साइलेंट अटैक’ (Silent Heart Attack) का मामला हो सकता है, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है। परिजनों ने बताया कि अखिल पूरी तरह स्वस्थ था, उसे कोई बीमारी नहीं थी और न ही वह किसी तरह की दवा ले रहा था। गर्मी की छुट्टियों के बाद वो स्कूल जाने के लिए काफी उत्साहित था। बच्चे की मौत पूरे परिवार को गहरा सदमा लगा है।
अचानक हार्ट अटैक से मौत होना चिंता का विषय बन गया है। खासकर युवा पीढ़ी में यह समस्या बढ़ती जा रही है। हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख कारण है लाइफस्टाइल, खराब खानपान, मेंटल स्ट्रेस, एक्सरसाइज की कमी और स्मोकिंग जैसी आदतें हार्ट अटैक का मुख्य कारण बन सकती हैं। हमारी डेली रुटीन और खानपान के कारण कई हेल्थ प्रॉब्लम्स पैदा होती हैं, जिनमें से एक प्रमुख समस्या है हार्ट अटैक। आजकल यह समस्या युवा वर्ग में भी तेजी से बढ़ रही है, जो पहले सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित होती थी।
अगर किसी बच्चे को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी या तेज धड़कन जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत अस्पताल ले जाएं। कार्डियोलॉजिस्ट से जांच करवाएं। ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम या अन्य टेस्ट से सही कारण पता लग सकता है। अगर परिवार में हार्ट अटैक का इतिहास हो तो बच्चों की नियमित जांच करवाएं। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम भी महत्वपूर्ण हैं। बच्चों में हार्ट अटैक के मामले बहुत गंभीर होते हैं और तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
पब्लिश्ड 4 July 2025 at 19:58 IST