Published 11:10 IST, September 3rd 2024
Wolf Attack: अमावस की रात खूंखार हुआ आदमखोर भेड़िया, रात 12 बजते ही मासूम पर किया हमला और फिर...
सोमवती अमावस्या की रात को आदमखोर भेड़िया खूंखार हो उठा और उसने एक मासूम का अपना शिकार बना लिया। बच्ची ने अपने ऊपर हमला होते ही जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया।
बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के हमलों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति ऐसी बन चुकी है कि हर कोई दहशत के साए में जी रहा है। शाम ढलते ही हर शख्स को इस बात का खौफ बना रहता है कि कब भेड़िया उनके ऊपर हमला कर दे। जैसे कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि अमावस की रात भेड़िए और भी ज्यादा खूंखार हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा 2 सितंबर की रात 12 बजे देखने को मिला, जब सोमवती अमावस्या की रात को आदमखोर भेड़िए ने एक मासूम का अपना शिकार बना लिया। हालांकि भेड़िया उसकी जान नहीं ले सका क्योंकि बच्ची ने अपने ऊपर हमला होते ही जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया जिससे भेड़िया उसे छोड़कर भाग गया।
2 सितंबर (सोमवती अमावस्या की रात) को आदमखोर भेड़िए ने एक बार फिर खौफनाक हमला बोला। यहां के पंढुईया गांव में एक 5 साल की बच्ची पर हमला कर दिया। ये बच्ची अपनी दादी के साथ सो रही थी। तभी रात 12 बजे के लगभग भेड़िए ने बच्ची पर हमला बोल दिया। वो उसे उठाकर भागना चाहता था लेकिन बच्ची के शोर मचाने पर लोग जाग गए और भेड़िया बच्ची को वहीं छोड़कर भाग गया। बच्ची के गले, गाल और शरीर के कई भागों में भेड़िए के नाखून और दांतों के निशान देखे गए और सुबह जब ये खबर स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह तक पहुंची तो वो भागकर बच्ची और उसके परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे और परिवार को भेड़िए से सुरक्षा का आश्वासन दिया।
घने अंधेरे का यूं फायदा उठाते हैं भेड़िए
आदमखोर भेड़िए के हमले के बाद घायल बच्ची को इलाज के लिए नजदीकी महसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर भर्ती कराया है। बीती रात सोमवती अमावस्या की रात थी और इस रात को घना अंधेरा होता है जिसका फायदा उठाकर भेड़िए और भी आक्रमक हो जाते हैं। ऐसे धुप्प अंधेरी रातों में भेड़ियों की सिर्फ आंखें ही दिखाई देती है। बहराइच में भेड़िए के हमलों से अब तक कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है। बहराइच जिले के करीब 35 गांवों के लोग भेड़िये के हमले से दहशत में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर अब रात बिताना खौफनाक है क्योंकि आदमखोर भेड़िये कभी भी किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं।
अमावस की रात को क्यों खूंखार हो जाते हैं भेड़िए
ऐसी मान्यता है कि आदमखोर भेड़िए अमावस की रात को खूंखार हो जाते हैं। अगर हम धर्म और शास्त्रों से जुड़े लोगों की बात मानें तो उनके मुताबिक पूर्णिमा में चांद के होने की वजह से शांति रहती है और अमावस्या पर सूर्य की तेजी होती है। जिसके चलते अमावस्या पर आसुरी शक्तियों के साथ-साथ हिंसक जानवर उग्र हो जाते हैं। ही कारण है कि अमावस्या पर भेड़ियों के उग्र होने की बात सामने आती है। इसके अलावा फिल्मों में भी इस तरह की चीजें दिखाई गई हैं। इन्हीं वजहों से गांव के लोगों में अमावस्या की रात बड़े हमले का डर है।
भेड़ियों को आती है इंसानों की गंध, सूंघकर शिकार ढूंढ लेते हैं
आदमखोर भेड़िए आखिर कैसे जान जाते हैं कि उनके लिए मुफीद शिकार किस जगह मिल सकता है? ये सवाल तो हर किसी के जेहन में उठ रहा होगा तो चलिए हम आपको ये भी बता देते हैं कि आखिर भेड़िये अपना शिकार कैसे तलाशते हैं। भेड़ियों की सूंघनें की क्षमता बहुत ही तेज होती है और वो सूंघ कर इस बात का पता लगा लेते हैं कि उनके लिए मुफीद शिकार कहां है। ऐसे में जंगल के आस-पास के गांवों में निकल पड़ते हैं और जहां छोटे बच्चे होते हैं उसी इलाके को ये अपने शिकार के लिए चुनते हैं। शिकार की सुगंध मिलते ही भेड़िये अपने शिकार के झुंड में निकल पड़ते हैं।
Updated 16:54 IST, September 3rd 2024