अपडेटेड 30 June 2025 at 12:27 IST
इटावा कथावाचक विवाद में तमाम सियासी बयानबाजियों के बीच योगगुरु स्वामी रामदेव की भी एंट्री हो गई है। राजस्थान के खैरथल दौरे के दौरान बाबा रामदेव ने इटावा में यादव समाज के व्यक्ति के द्वारा कथा कहे जाने को लेकर चल रहे विवाद पर कहा, "इटावा में एक यादवों के बालक की चोटी काट दी, और कहा कि तू भगवान की कथा नहीं करेगा। अरे बाबलो, भगवान श्रीकृष्ण यदुवंशी, यदुवंशी की कथा यदुवंशी नहीं करेगा तो कौन करेगा?"
स्वामी रामदेव ने कहा कि यहां जात-पात की कोई बात नहीं है, हमारे भगवान को भी दूसरा कोई छींन लेगा क्या? ये भी कोई बात हुई क्या? भगवान तो सब के हैं लेकिन ये कौन सा पैटेंट है कि भगवान कृष्ण की कथा को हम ही करेंगे, ये क्या बात हुई। हम यदुवंशी है हम कृष्ण भगवान की कथा नहीं करेंगे तो कौन करेगा, भगवान तो सबके है।
क्या है इटावा कथावाचक विवाद?
उत्तर प्रदेश के इटावा में एक बेहद शर्मनाक घटना देखने को मिली जहां पर जाति से यादव होने की वजह से एक कथा वाचक को ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने न सिर्फ मारा पीटा बोल के सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। घटना 22 जून की है जिसमें कथा वाचक मुकुटमणि और उनके एक साथी को भीड़ द्वारा पीटा गया और फिर भी मुंडवाया गया। इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया और यादव समाज के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
कुछ लोग यूपी में जातीय हिंसा करना चाहते हैं- सीएम योगी
सीएम योगी ने इटावा कथा वाचक मामले में इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ब्रजेश श्रीवास्तव को जमकर फटकार लगाई। सीएम ने कहा के कुछ लोग यूपी में जातीय हिंसा करना चाहते हैं और पुलिस इसे रोक नहीं पा रही है। औरैया और कौशांबी के एसपी को भी CM योगी ने फटकार लगाई है। इन दोनों जिलों में भी इस तरह की घटना हुई है सीएम योगी ने कहा कि जिस जिले में ऐसी घटनाएं होगी तो उसे जिले के अधिकारी पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
जाति नहीं, छेड़छाड़ का था मामला
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की टीम पूरे मामले को समझने के लिए दांदरपुर गांव पहुंची। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये पूरा मामला छेड़छाड़ का था, जिसे जाति का एंगल देकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। जिस कथा में कथावाचक के साथ बदसलूकी हुई, उसके आयोजक जय प्रकाश तिवारी और पत्नी रेनू तिवारी थे। जय प्रकाश तिवारी ने रिपब्लिक को बताया कि कथावाचक द्वारा महिलाओं से अभद्रता की गई थी, जिसका उन्होंने विरोध किया है। वहीं इस पूरे मामले को अखिलेश यादव जाति का एंगल दे रहे हैं, जो गलत है।
पब्लिश्ड 30 June 2025 at 12:27 IST