अपडेटेड 28 June 2025 at 12:10 IST

माफिया अतीक अहमद की मौत के बाद उसी के नक्शे कदम पर उसका साढू, जमीन पर किया कब्जा और मांगे 5 करोड़ की रंगदारी; FIR

माफिया डॉन अतीक अहमद के मारे जाने के बाद भी उसका आपराधिक नेटवर्क खत्म नहीं हुआ है।

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Atiq Ahmed
Atiq Ahmed | Image: ANI

माफिया डॉन अतीक अहमद के मारे जाने के बाद भी उसका आपराधिक नेटवर्क खत्म नहीं हुआ है। प्रयागराज में अब भी उसके सहयोगी और रिश्तेदार जमीन कब्जाने और जबरन वसूली जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला अतीक के साढ़ू इमरान अहमद और उसके साथियों से जुड़ा है, जिन पर पुरामुफ्ती थाने में रंगदारी, धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन कब्जाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।

मामला मनोज कुमार नामक व्यक्ति की पुश्तैनी जमीन से जुड़ा है, जो बमरौली उपहार क्षेत्र में स्थित है। पीड़ित के अनुसार, साल 2001 में अतीक अहमद और इमरान ने मिलकर रामदास, शोभ लाल, राम आसरे और ओंकार नाम के असली भूस्वामियों को अगवा कर लिया था। इसके बाद धमकी और दबाव के जरिए एक कूटरचित बैनामा सुरेश द्विवेदी के नाम करवाया गया।

2022 तक चला फर्जीवाड़ा, फिर मांगी गई 5 करोड़ की रंगदारी

2003 में एक बार यह बैनामा रद्द भी करवा दिया गया, लेकिन आरोपियों ने फिर से हरिश्चंद्र नामक व्यक्ति के नाम पर फर्जी तरीके से जमीन का हस्तांतरण करवा लिया। वर्षों तक कई बार यह जमीन इधर-उधर बेची जाती रही और आखिरकार 2022 में इमरान अहमद ने इस जमीन को मोहम्मद सलमान, मोहम्मद समीर और मोहम्मद नसीम को बेच दिया।

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5 मार्च 2025 को जब मनोज कुमार ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाई, तो आरोपियों ने न सिर्फ उसकी पिटाई की, बल्कि 5 करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग करते हुए धमकी दी कि भुगतान के बिना उसे जमीन पर खेती नहीं करने देंगे।

जिलाधिकारी की पहल पर शुरू हुई जांच

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जिलाधिकारी प्रयागराज ने पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए राजस्व विभाग से जांच करवाई। रिपोर्ट में शिकायत को सही पाया गया, जिसके बाद पूरामुफ्ती थाने में इमरान अहमद, हरिश्चंद्र, बीएल भारतीया, मोहम्मद सलमान, समीर, नसीम, मोहम्मद रहमान और राना सिंह के खिलाफ गंभीर धाराओं और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

फिलहाल पुलिस इस मामले की गहन जांच में जुटी हुई है और यह स्पष्ट हो गया है कि अतीक अहमद की मौत के बावजूद उसका नेटवर्क अभी भी सक्रिय बना हुआ है, जो आम लोगों की संपत्ति और सुरक्षा के लिए खतरा है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 28 June 2025 at 12:10 IST