अपडेटेड 20 September 2024 at 13:09 IST

'मुलायम सिंह ने जुए में जीती साइकिल, तब बनाया पार्टी सिंबल', UP में चर्चा बन गया AIMIM नेता का बयान

AIMIM की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शौकत अली ने अपने आपत्तिजनक बयान में कहा कि मुलायम सिंह जुआ खेलते थे और उन्होंने जुए में ही पहली बार साइकिल जीती थी।

Follow : Google News Icon  
AIMIM leader Shaukat Ali
AIMIM नेता शौकत अली ने मुलायम सिंह यादव पर टिप्पणी की। | Image: Facebook

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में उपचुनावों की तैयारियां जब जोर पकड़ने लगी हैं तो ऊल-जुलूल बयानबाजी भी होने लगी है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को लेकर एक ऐसी टिप्पणी की गई है, जिस पर उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा सकती है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता शौकत अली ने मुलायम सिंह यादव को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है।

AIMIM की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शौकत अली ने अपने आपत्तिजनक बयान में कहा कि मुलायम सिंह जुआ खेलते थे और उन्होंने जुए में ही पहली बार साइकिल जीती थी। इसीलिए समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल रखा था। शौकत अली पिछले दिन मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बयान दिया।

मुलायम सिंह पर शौकत अली ने बयान दिया

AIMIM के नेता ने कहा कि सपा संस्थापक कोई बड़े बिजनेसमैन नहीं थे, वो एक स्कूल को मास्टर थे। पहले पहलवानी भी करते थे। एक बात बताना चाहता हूं, मुलायम सिंह यादव ने जब अपनी पार्टी बनाई तो उन्होंने पार्टी का सिंबल साइकिल रखा। ऐसा क्यों क्या कोई जानता है। मुलायम सिंह ने पहली बार जुए में साइकिल जीती थी। इसलिए उन्होंने अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल को पसंद किया था। ये मैं हवा में बात नहीं कर रहा हूं, ये एक सही बात है और ये मैंने बात पढ़कर कही है।

सपा के साथ कांग्रेस पर भी हमला बोला

शौकत अली ने कहा कि मुसलमानों ने 1992 में कांग्रेस को तलाक दे दिया था। लेकिन 1992 के बाद कोई सरकार नहीं बनी। इसका मतलब ये है कि मुस्लिमों के वोट की भीख मांगकर ही कांग्रेस की सरकार बनी थी। मुसलमान नाराज हुआ और उसी बीच 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाई। हमारे बड़ों ने कहा कि एक बार हमें सेक्युलरिज्म पर भरोसा करना चाहिए और सपा को अपनी पार्टी, मुलायम सिंह यादव को अपना नेता मानिए। तो हमने (मुस्लिमों) ने अपने बड़ों की बातों को माना। समाजवादी पार्टी की सरकार बनी, हमें झुंझुना और सिर्फ बड़े-बड़े वादे दिए। मुसलमान अपने पिछड़ेपन से बाहर नहीं निकला।

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'वो पढ़े नहीं, पढ़ाई का मरहम क्या जानें'; आमने-सामने आए मांझी और तेजस्वी

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 20 September 2024 at 13:09 IST