अपडेटेड 17 March 2025 at 17:55 IST
Maha kumbh Stampede: महाकुंभ भगदड़ की नहीं होगी CBI जांच, इलाहाबाद HC का बड़ा फैसला; बेंच ने खारिज की याचिका
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 मार्च को भगदड़ मची थी, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए थे।
- भारत
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Mahakumbh Stampede: महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर यूपी की योगी सरकार को इलहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने घटनाओं की CBI जांच कराने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने इस संबंध में दायर की गई याचिका को औचित्यहीन बताया।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 मार्च को भगदड़ मची थी, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए थे।
हाई कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका
भगदड़ की इस घटना की जांच कराने के लिए योगेंद्र पाण्डेय और अन्य ने एक जनहित दायर की थी, जिसमें गड़बड़ियों की जांच कराने की मांग की गई। हाई कोर्ट ने PIL को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले में CBI जांच की कोई जरूरत नहीं है। याचिका में जांच के लिए कोई ठोस कारण या सबूत पेश नहीं किए गए।
इस याचिका पर इससे पहले 11 मार्च को भी सुनवाई हुई थीं। तब कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसके बाद आज (17 मार्च) को कोर्ट ने फैसला देते हुए याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार पहले ही मामले की जांच कराई रही है।
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मौनी अमावस्या के दिन मची थीं भगदड़
प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक लगा था। इस दौरान करोड़ों की संख्या में हर रोज श्रद्धालु वहां संगम में स्नान के लिए पहुंच रहे थे। मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के दिन अमृत स्नान के मौके पर वहां भारी भीड़ थीं। संगम नोच पर बैरियर टूटने के बाद भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 30 लोग मारे गए थे, जबकि कई लोग घायल भी हुए थे।
तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का किया गठन
योगी सरकार ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित की थी। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया, जिसमें पूर्व IAS डी के सिंह और पूर्व IPS वी के गुप्ता शामिल हैं।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 17 March 2025 at 17:55 IST