Published 16:08 IST, September 17th 2024
SC के फैसले पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया, कहा- बुलडोजर अन्याय का प्रतीक, ये विपक्ष की आवाज दबाने...
अखिलेश यादव ने यूपी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर कहा कि 'बुलडोजर कार्रवाई न्याय नहीं हो सकता है, यह असंवैधानिक है। SC का फैसला आ गया है, अब बुलडोजर रुकेगा।
Supreme Court on bulldozer action: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में डिमोलिशन यानी बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी, तब तक कोर्ट का यह आदेश लागू रहेगा। कोर्ट के आदेश पर अब सपा नेता अखिलेश यादव का बयान आया है।
अखिलेश यादव ने यूपी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर कहा कि 'बुलडोजर कार्रवाई न्याय नहीं हो सकता है, यह असंवैधानिक है। बुलडोजर लोगों को डराने और जानबूझकर विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए था। मुख्यमंत्री, यूपी सरकार और बीजेपी के लोग बुलडोजर का महिमामंडन कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बुलडोजर को रोकने का काम किया है।'
'बुलडोजर अन्याय का प्रतीक'
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि तमाम कार्यक्रमों और रैलियों में इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता था। जिससे लोगों के अंदर भय पैदा किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, अब बुलडोजर रुकेगा, न्यायालय से न्याय मिलेगा। बीजेपी ने न्याय के लिए बुलडोजर बना दिया था। जबकी बुलडोजर अन्याय का प्रतीक है, न्याय का प्रतीक नहीं हो सकता है।
सार्वजनिक अतिक्रमण पर होगा एक्शन
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी.आर गवई और जस्टिस के.वी विश्वनाथन की बेंच ने यह रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह देश भर में लागू होने वाले दिशानिर्देश बनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक देश भर में तोड़फोड़ पर रोक रहेगी। हालांकि ये आदेश पब्लिक रोड, गली, वाटर बॉडी, फुटपाथ, रेलवे लाइन आदि पर अवैध कब्जों पर लागू नहीं होगा। कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक अतिक्रमण पर एक्शन लिया जा सकेगा। कोर्ट ने कहा कि देश में बुलडोजर न्याय के महिमामंडन और दिखावे को इजाजत नहीं दी जा सकती।
‘गलत नैरेटिव बनाने की कोशिश’
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जहां भी बुलडोजर की कार्रवाई हुई है, उन सभी जगहों पर पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। पहले 2022 में नोटिस जारी हुआ था, उसके बाद घटना घटी और तब बुलडोजर की कार्रवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बुलडोजर एक्शन पर गलत नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है। एक समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप पूरी तरह से गलत है।
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Updated 16:12 IST, September 17th 2024