अपडेटेड 26 December 2024 at 09:43 IST
'ऐसे सैकड़ों पागल देखें हैं, पीट-पीटकर भगाएंगे', पन्नू की धमकी पर अखाड़ा परिषद का जवाब कहा- समुदायों को बांटने की रणनीति
रवींद्र पुरी ने कहा, 'यह महाकुम्भ का मेला है। पन्नू ने आपस में विभाजन कराने वाली जो बात की है, वह उचित नहीं है। सिख समाज ने ही सनातन धर्म को बचाए रखा है।'
- भारत
- 2 min read

अखाड़ा परिषद ने सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश को लेकर बुधवार को आड़े हाथों लिया। उसने एक वीडियो में महाकुम्भ को निशाना बनाने की कथित तौर पर धमकी दी है। सोमवार को पीलीभीत में उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकवादी मारे गए जिसके बाद महाकुम्भ में प्रमुख स्नान तिथियों - 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और तीन फरवरी (बसंत पंचमी) को बाधित करने की धमकी देने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। इस वीडियो में आवाज खालिस्तान समर्थक पन्नू की बताई जा रही है।
पन्नू प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का सरगना है और उसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है। यहां महाकुम्भ नगर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, 'पन्नू नाम का जो व्यक्ति है, अगर कहीं ये हमारे महाकुम्भ में आया तो इसे मार-मारकर भगाया जाएगा। हमने ऐसे पागल सैकड़ों की संख्या में देखे हैं।'
'सिख और हिन्दू एक, ये विभाजनकारी बयान'
उन्होंने कहा, 'यह महाकुम्भ का मेला है। जितने भी सिख और हिंदू हैं, सभी एक हैं। पन्नू ने आपस में विभाजन कराने वाली जो बात की है, वह उचित नहीं है। सिख समाज ने ही सनातन धर्म को बचाए रखा है।' अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा, 'हमारे यहां नागा साधुओं की तरह उनके (सिखों के) यहां भी नागा साधु होते हैं। ये दोनों एक ही हैं और सनातन के सैनिक हैं। इसलिए हम इन पागलों को अधिक गंभीरता से नहीं लेते।'
'ऐसे उग्रवादियों को हम गंभीरता से नहीं लेते'
उन्होंने कहा कि पन्नू की बातों को अधिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि वह हमेशा ही ऐसी भाषा का प्रयोग करता है जिससे देश में विभाजन पैदा हो तथा वह हमेशा से ही सनातन धर्म पर हमला करने का प्रयास करता रहा है। महंत रवींद्र पुरी ने कहा, 'आपने देखा होगा कि हमारे तीन अखाड़े- बड़ा उदासीन अखाड़ा, नया अखाड़ा उदासीन और निर्मल अखाड़ा पंजाब से हैं जहां सिद्ध साधु महात्मा है। इसलिए हम ऐसे उग्रवादी को गंभीरता से नहीं लेते हैं।'
Advertisement
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 26 December 2024 at 09:39 IST