Published 09:45 IST, September 12th 2024
यूपी में भेड़िए के बाद बाघ का आतंक, आदमखोर ने किसान को बनाया निवाला; 15 दिन में किए दो शिकार
लखीमपुर खीरी में खूंखार बाघ के अटैक का मामला सामने आया है, जहां उसने एक व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भयंकर आक्रोश है।
Tiger Attack in Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़िए के कहर के बाद अब लखीमपुर खीरी में बाघ का आतंक देखने को मिल रहा है। आदमखोर जानवरों के कहर से बेबस गांववाले डरे और सहमे हुए हैं। खेत में छिपा बाघ बारी-बारी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। अब हाल ही में खीरी से खूंखार बाघ के अटैक का मामला सामने आया है, जहां उसने एक 40 साल के व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भयंकर गुस्सा है।
दरअसल, लखीमपुर खीरी में एक आदमखोर बाघ ने बुधवार की दोपहर को एक 40 साल के किसान को मार डाला। मृतक किसान का नाम जाकिर बताया जा रहा है। जिले में यह महज 15 दिन के अंदर दूसरी घटना है जब बाघ के हमले में किसी की मौत हुई है।
गन्ने के खेत में किसान को बनाया निवाला
बाघ ने मूड़ा अस्सी गांव के निवासी जाकिर पर उस समय हमला किया जब वह अपने गन्ने के खेत में काम कर रहा था। इस घटना से स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है और वे बाघ को पकड़ने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं बाघ के हमले से नाराज परिजन और सैंकड़ों ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं।
बाघ को पकड़ने के लिए किए गए ये इंतजाम
दक्षिण खीरी के डीएफओ संजय बिस्वाल ने महेशपुर रेंज में दूसरी बार बाघ के हमले में एक व्यक्ति के मौत की पुष्टि की है। इससे पहले 27 अगस्त को एक अन्य ग्रामीण अंबरीश कुमार की भी कथित तौर पर बाघ के हमले में मौत हो गई थी। इन दुखद घटनाओं के बाद राज्य के वन मंत्री अरुण कुमार ने स्थिति का आकलन करने के लिए क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान वन अधिकारियों को बाघ को पकड़ने का निर्देश दिया। बाघ को पकड़ने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। गश्ती दल तैनात किए गए हैं, पिंजरे और कैमरे लगाए हैं। इतना ही नहीं बाघ को बेहोश करने के लिए विशेषज्ञों तक को बुलाया गया है। हालांकि भारी बारिश और जलभराव के चलते इन सभी कोशिशों में बाधाएं आ रही है।
अब अपनाई जाएगी बेहोश कर पकड़ने की तरकीब
डीएफओ संजय बिस्वाल ने कहा, "मूडा अस्सी गांव में हुई यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह उस गांव से लगभग 2.5 से 3 किलोमीटर दूर है, जहां पिछली बार ऐसी घटना हुई थी। हम जांच कर रहे हैं कि क्या यह वही बाघ है... मुझे उच्च अधिकारियों से बाघ को बेहोश करने का आदेश मिला है... मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे जागरूक रहें, क्योंकि वन क्षेत्रों में पानी भर जाने के कारण क्षेत्र में जानवरों की आवाजाही बढ़ गई है..."
चार पिंजरे और 40 कैमरे… बढ़ाई गई गश्त
डीएफओ के मुताबिक, ड्रोन कैमरों और अन्य उपकरणों से लैस चार गश्ती दल तैनात किए गए हैं। बाघ का पता लगाने और निगरानी करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में चार पिंजरे और 40 कैमरे भी लगाए गए हैं। बाघ के ताजा हमले के बाद क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण है। इसी के साथ अधिकारियों पर मानव-पशु से निपटने का दबाव भी बढ़ रहा है।
Updated 10:06 IST, September 12th 2024