अपडेटेड 9 July 2025 at 20:00 IST
UP: योगी सरकार की जोरदार स्कीम, 4 गाय गोद लेने पर शेल्टर और बायोगैस यूनिट बनाने का मिलेगा पैसा, कमाई ही कमाई
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत करने जा रही है। योजना के अंतर्गत गांवों में रहने वाले लोग चार गाय तक गोद ले सकते हैं, और खास बात यह है कि गायों के लिए शेड निर्माण और बायोगैस यूनिट लगाने का खर्च सरकार स्वयं उठाएगी।
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Yogi Government New Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार अब ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए गाय पालन को कमाई का माध्यम बना रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसका नाम है ‘मुख्यमंत्री सहभागिता योजना’। इस योजना के तहत, राज्य के ग्रामीण निवासी चार गाय तक गोद ले सकते हैं। इन गायों की देखभाल और पालन के लिए सरकार की ओर से आवासीय शेड निर्माण और बायोगैस यूनिट लगाने में आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को दूध उत्पादन, जैविक खाद और बायोगैस जैसे संसाधनों के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। साथ ही यह पहल स्वच्छ ऊर्जा, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों को भी बढ़ावा देगी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की जा रही ‘मुख्यमंत्री सहभागिता योजना’ को ग्रामीण आजीविका और स्वावलंबन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इस योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण परिवारों को गाय पालन, जैविक खाद उत्पादन और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी में है। योजना के लागू होने के बाद, राज्य के लाखों ग्रामीण परिवारों को स्थायी रोजगार और आय के नए स्रोत उपलब्ध होने की उम्मीद है। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण भारत को सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक और उद्यमी बनाना है और यह योजना उसी दिशा में एक ठोस प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
इस योजना के तहत ग्रामीण गाय गोद लेंगे
उत्तर प्रदेश सरकार की ‘मुख्यमंत्री सहभागिता योजना’ केवल गौ-संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जैविक खेती, बायो-फर्टिलाइज़र और स्वच्छ ऊर्जा से जोड़कर आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत जो ग्रामीण गाय गोद लेंगे, उनके लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत पशु शेड बनाए जाएंगे। इसके अलावा, उनके घरों पर छोटे बायोगैस प्लांट भी लगाए जाएंगे, ताकि गायों से प्राप्त गोबर का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में किया जा सके। यह योजना न केवल पशुपालन को प्रोत्साहन देगी, बल्कि इससे ग्रामीणों को दूध उत्पादन, जैविक खाद निर्माण और घरेलू ऊर्जा के माध्यम से आर्थिक लाभ भी होगा। साथ ही, यह पहल पर्यावरण संरक्षण, रोज़गार सृजन और सतत कृषि प्रणाली के क्षेत्र में भी प्रभावी बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
गांव की महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने का प्लान
उत्तर प्रदेश सरकार की ‘मुख्यमंत्री सहभागिता योजना’ को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह केवल पशुपालन और जैविक खेती तक सीमित न रहकर ग्रामीण रोजगार सृजन का भी एक मजबूत माध्यम बने। योजना का विशेष फोकस गांव की महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) और स्थानीय युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत ग्रामीणों को गाय की देखभाल, गोबर से जैविक खाद बनाने, और बायोगैस उत्पादन जैसे कार्यों में शामिल किया जाएगा। ये गतिविधियाँ स्वरोजगार के नए रास्ते खोलेंगी, जिससे गांव में ही स्थायी और सम्मानजनक आजीविका उपलब्ध होगी।
विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों को इस योजना से जोड़ने का उद्देश्य है कि वे दूध उत्पादन, खाद निर्माण, और ऊर्जा उत्पादन जैसी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाएं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें।
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योजना का ब्लूप्रिंट तैयार, जल्द किया जाएगा लागू
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री सहभागिता योजना’ को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। यूपी गो सेवा आयोग के विशेष कार्याधिकारी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि योजना का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना के माध्यम से गौ-संरक्षण, ग्रामीण आजीविका, जैविक खेती और स्वच्छ ऊर्जा को एक साथ जोड़ा जाएगा, जिससे गांवों में रोजगार और आत्मनिर्भरता को नया आधार मिलेगा।
जैविक कृषि और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री सहभागिता योजना’ को लेकर राज्य सरकार का मानना है कि यह केवल गौ-संरक्षण या पशुपालन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि कई क्षेत्रों में एक साथ सकारात्मक प्रभाव डालेगी। इसके अलावा, यह योजना पर्यावरणीय स्थिरता की दृष्टि से भी एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित की जा रही है, जो आने वाले समय में हरित विकास (Green Development) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 9 July 2025 at 19:59 IST