अपडेटेड 20 August 2025 at 16:19 IST
BREAKING: हेट स्पीच मामले में मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत, कोर्ट ने किया बरी; अब बहाल होगी विधायकी
मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली है। हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा झेल रहे अब्बास अंसारी को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
- भारत
- 3 min read

Abbas Ansari: मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली है। हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा झेल रहे अब्बास अंसारी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। इसके साथ ही अब्बास की विधायकी भी बहाल हो जाएगी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 30 जुलाई को फैसला रिजर्व कर लिया था। जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने आज (20 अगस्त 2025) को फैसला सुनाया। अब्बास अंसारी ने याचिका दाखिल कर एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ से मिली 2 साल की सजा रद्द किए जाने की मांग की थी।
आपको बता दें कि वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट मऊ ने 31 मई को 2 वर्ष की सजा और 3000 जुर्माना लगाया था। इसी आधार पर 1 जून 2025 को विधायकी चली गई थी। अदालत से दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा तय होने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा ने कुछ घंटों में ही अब्बास की सदस्यता खत्म करने का फैसला लिया था। विधानसभा के प्रमुख सचिव ने एक नोटिस जारी किया था, जिसमें मऊ सीट को रिक्त घोषित किया गया था।
क्या था पूरा मामला
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने ऐसा बयान दिया था, जिसे भड़काऊ और अधिकारियों को धमकी देने वाला माना गया। उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने के बाद 'सबका हिसाब लिया जाएगा'। बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर रोक लगाई थी।
साथ ही एक मुकदमा कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था। 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सुभासपा के साथ अलायंस किया था। गठबंधन में सपा ने मऊ सदर सीट, सुभासपा को दी थी।
इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन पर IPC की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं।सजा के ऐलान के बाद कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस के साथ एसओजी के जवान भी तैनात रहे। कोर्ट में पेशी से पहले अब्बास के एक समर्थक ने जबरन कोर्ट में घुसने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इसे भी पढ़ें- पत्नियों की अदला-बदली का गजब खेल! अपनी बीवी को दोस्त के पास भेजा, उसकी पत्नी के संग रहने लगा; मामला जान पुलिस भी चकराई
Advertisement
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 20 August 2025 at 14:55 IST