अपडेटेड 18 February 2025 at 19:55 IST

193 देशों की आबादी से अधिक लोगों ने महाकुंभ त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी, 55 करोड़ के पार पहुंचा श्रद्धालुओं का आंकड़ा

CM योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में 45 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। 14 फरवरी तक यह संख्या 50 करोड़ से अधिक हो गई और मंगलवार को 55 करोड़ पार।

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55 crore devotees took a dip in Mahakumbh Triveni Sangam
193 देशों की आबादी से अधिक लोगों ने महाकुंभ में लगाई डुबकी | Image: Republic

Maha kumbh 2025 : महाकुंभ न सिर्फ धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सनातन धर्म और भारतीय सभ्यता से जुड़ी संस्कृति का प्रतीक है। सनातन धर्म में महाकुंभ का अति विशेष आयोजन है। ये ही कारण है कि तमाम मुसीबतों को झेलकर भी श्रद्धालु संगम की रेती पर त्रिवेणी संगम में श्रद्धा की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 55 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई है।

13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) तक चलेगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत के 110 करोड़ सनातन अनुयायियों में से आधे लोगों ने डुबकी लगा ली है और 26 फरवरी को अंतिम स्नान तक यह संख्या 60 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू (World Population Review) और प्यू रिसर्च (Pew Research) के अनुसार, भारत की जनसंख्या करीब 143 करोड़ है, जिसमें 110 करोड़ लोग सनातन धर्म के अनुयायी हैं।

दुनिया में सनातन के 120 करोड़ अनुयायी

सरकारी बयान में दावा किया गया है कि त्रिवेणी संगम पर स्नान करने श्रद्धालुओं की संख्या भारत के सनातन अनुयायियों का 50 प्रतिशत है। भारत की कुल आबादी के हिसाब से देखें तो देश के 38 प्रतिशत से अधिक लोगों ने संगम में अभी तक डुबकी लगाई है। प्यू रिसर्च 2024 के अनुसार, दुनिया भर में अनुमानित 120 करोड़ लोग सनातन धर्म को मानते हैं, जिसका अर्थ है कि दुनिया भर के 45 प्रतिशत से अधिक सनातनियों ने संगम में डुबकी लगाई है।

193 देशों की आबादी से लोगों ने किया स्नान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में 45 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। 14 फरवरी तक यह संख्या 50 करोड़ से अधिक हो गई और मंगलवार को 55 करोड़ पार पहुंच गई। दुनिया में कुल 195 देश हैं। इसमें 193 देश संयुक्त राष्ट्र (UN) के सदस्य हैं, और 2 देशों (वेटिकन सिटी और पालाऊ) को पर्यवेक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त है। सरकारी आंकड़े की माने तो महाकुंभ में अभी तक 193 देशों की आबादी से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में दावा किया कि यह मानव इतिहास में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन के लिहाज से सबसे बड़ा जनसमूह है। प्रदेश सरकार के अनुसार ‘‘अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों की आबादी 50 करोड़ से कम है। केवल भारत और चीन की आबादी ही महाकुंभ में आ चुके श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में ज्यादा है। इसके विपरीत अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और ब्राजील जैसे देश काफी पीछे हैं।''

10 सबसे अधिक आबादी वाले देश

अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुसार, दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में सबसे पहले भारत और फिर चीन का नंबर आता है।

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  • भारत (एक अरब 41 करोड़ 93 लाख 16 हजार 933)
  • चीन (एक अरब 40 करोड़ 71 लाख 81 हजार 209)
  • अमेरिका (34 करोड़, 20 लाख 34 हजार 432)
  • इंडोनेशिया (28 करोड़, 35 हजार 87 हजार 097)
  • पाकिस्तान (25 करोड़ 70 लाख 47 हजार 044)
  • नाइजीरिया (24 करोड़ 27 लाख 94 हजार 751)
  • ब्राजील (22 करोड़, 13 लाख 59 हजार 387)
  • बांग्लादेश (17 करोड़ एक लाख 83 हजार 916)
  • रूस (14 करोड़, एक लाख, 34 हजार 279)
  • मेक्सिको (13 करोड़ 17 लाख 41 हजार 347)

60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

मेला खत्म होने में अभी 8 दिन हैं। ऐसे में अब अनुमान है कि 26 फरवरी को अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि तक यह संख्या 60 करोड़ पहुंच सकती है। अब तक सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया जबकि माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था।

(भाषा इनपुट के साथ)

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 18 February 2025 at 19:55 IST