sb.scorecardresearch
Advertisement

अपडेटेड July 31st 2024, 22:09 IST

Uttar Pradesh: चीनी नागरिक की जमानत याचिका खारिज, धोखाधड़ी का आरोप

ऐसे मुद्दों से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटने के लिए देशों के बीच कानूनों की एक अंतरराष्ट्रीय रूपरेखा बनाए जाने की जरूरत है।

Follow: Google News Icon
Allahabad High Court
इलाहाबाद हाईकोर्ट | Image: Shutterstock

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंत्र और साक्ष्य मिटाने के आरोपी चीन के एक नागरिक की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि देश में विदेशी व्यक्तियों पर आपराधिक मुकदमा चलाने के वैश्विक असर होते हैं। अदालत ने कहा कि एक देश की अपनी अदालतों में आपराधिक मुकदमे की सुनवाई को दूसरे देश की विधि व्यवस्था से जोड़ा जा सकता है। ऐसे मुद्दों से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटने के लिए देशों के बीच कानूनों की एक अंतरराष्ट्रीय रूपरेखा बनाए जाने की जरूरत है।

चीनी नागरिक की जमानत याचिका खारिज...

न्यायमूर्ति अजय भनोट ने यह टिप्पणी करते हुए उस चीनी नागरिक की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके खिलाफ गौतम बुद्ध नगर जिले में धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंत्र, साक्ष्यों को मिटाने और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी देश में रहने का आरोप है। याचिकाकर्ता रेन चोआ के वकील ने दलील दी कि वास्तव में उसका मुवक्किल आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त नहीं था और सह आरोपी के बयान के बाद उसका नाम सामने आया।

वहीं, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसकी अवैध गतिविधियों पर किसी का ध्यान ना जाए, खुद को एक कर्मचारी के तौर पर सामने रखा। याचिकाकर्ता एक बड़े आपराधिक संगठन और एक अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क का हिस्सा है, जो भारत में गंभीर प्रकृति के अपराध करता रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न साक्ष्य जैसे कंपनी से जुड़े लोगों के बयान, बरामद वस्तुएं, सीडीआर, दस्तावेजी साक्ष्य और फर्जी लेनदेन स्पष्ट रूप से याचिकाकर्ता के दोष की ओर संकेत देते हैं।

याचिकाकर्ता ने एक दूसरी कंपनी के कर्मचारी के तौर पर भारत में प्रवेश किया और बिना अनुमति के एचटीजेडएन कंपनी के लिए काम करना शुरू किया। गोयल ने कहा कि याचिकाकर्ता को अगर जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह देश छोड़कर भाग सकता है और उसकी पेशी सुनिश्चित कराने की कोई संभावना नहीं है। केंद्र सरकार के वकील आरपीएस चौहान ने बताया कि भारत सरकार का चीन की सरकार के साथ कोई संधि नहीं है और अगर याचिकाकर्ता भारत से भागता है तो उसकी वापसी की संभावना ना के बराबर है।

ये भी पढ़ें - नौसेना के नाविक की मौत, शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान डूबा

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

पब्लिश्ड July 31st 2024, 22:09 IST