अपडेटेड 24 October 2024 at 10:09 IST

अखिलेश ने उपचुनाव में रचा खेल, कांग्रेस चारों खाने चित; कहीं MP वाले अपमान का बदला तो नहीं ये ऐलान

अखिलेश यादव ने खुद ऐलान कर दिया है कि INDI गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल के निशान पर चुनाव लड़ेंगे।

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Rahul Gandhi and Akhilesh Yadav
अखिलेश यादव और राहुल गांधी | Image: Facebook

Akhilesh Yadav and Congress : अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव में ऐसा खेल रच दिया है कि कांग्रेस चारों खाने चित है। 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है, जिसमें सभी की सभी सीटें एक झटके में समाजवादी पार्टी के खाते में जुड़ गई हैं। कांग्रेस 3 से अधिक सीटें मांग रही थी और अभी अखिलेश यादव ने खुद ऐलान कर दिया है कि INDI गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। आसान शब्दों में यही कहा जा सकता है कि बात भले  संयुक्त प्रत्याशी की है, लेकिन जीतने वाला कैंडिडेट तो सपा विधायक ही घोषित किया जाएगा। अखिलेश के ऐलान में एक और संदेश छिपा हो सकता है और वो है कांग्रेस को उपचुनाव में सीट ना देकर उसकी उचित जगह दिखाना।

दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि मुलायम सिंह के बाद अखिलेश ने खुद को सियासत में निखारा है और आज नई बुलंदियों पर है। उनकी रणनीति के आगे विरोधी भी ध्वस्त हैं। लोकसभा चुनाव में मिली सफलता ने अखिलेश का सीना चौड़ा कर दिया है तो वो विरोधियों को खुलकर जवाब दे रहे हैं। हालांकि अखिलेश यादव की रणनीति में वो दल भी शामिल हैं, जिन्होंने समाजवादी पार्टी को पिछले कुछ चुनावों में तवज्जो नहीं दी। इसमें कांग्रेस भी शामिल हो सकती है।

कांग्रेस से MP वाले 'अपमान' का बदला?

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अखिलेश यादव की एक नहीं सुनी। सपा मुखिया उस चुनाव में सीट मांगते रह गए, लेकिन कांग्रेस ने इन्हें साइड लाइन कर दिया। अखिलेश की काफी फजीहत हुई थी। फिलहाल उत्तर प्रदेश उपचुनावों ने उस घटनाक्रम को दोहरा दिया है, जहां बाजी अब अखिलेश यादव के हाथ में है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि कांग्रेस के मुकाबले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बहुत मजबूत है। लोकसभा चुनावों के बाद सपा की हैसियत और भी बढ़ी है, क्योंकि वो राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी है। फिलहाल लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश में कोई चुनाव हो रहा है, जिसमें 9 सीटों के लिए समाजवादी पार्टी विपक्ष की तरफ से बीजेपी के साथ सीधी लड़ाई उतरेगी।

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अखिलेश ने कांग्रेस को दर्द भी महसूस नहीं होने दिया!

हालांकि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की रणनीति में एक पहलू ये भी है कि वो अपना खेल जारी रखने के साथ वो INDI गठबंधन के साथियों को दुख का अहसास भी नहीं होने दे रहे हैं। इसको अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पोस्ट से समझा जा सकता है।

अखिलेश लिखते हैं- 'बात सीट की नहीं, जीत की है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। गठबंधन इस उपचुनाव में जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से समाजवादी पार्टी की शक्ति कई गुना बढ़ गई है। इस अभूतपूर्व सहयोग और समर्थन से सभी 9 विधानसभा सीटों पर गठबंधन का एक-एक कार्यकर्ता जीत का संकल्प लेकर नई ऊर्जा से भर गया है। ये देश का संविधान, सौहार्द और PDA का मान-सम्मान बचाने का चुनाव है। इसीलिए हमारी सबसे अपील है: एक भी वोट न घटने पाए, एक भी वोट न बंटने पाए।' अखिलेश लिखते हैं- 'देशहित में गठबंधन की सद्भाव भरी ये एकता और एकजुटता आज भी नया इतिहास लिखेगी और कल भी।'

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कांग्रेस के लिए माना जाए फजीहत?

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस INDI गठबंधन का हिस्सा हैं। हालांकि पूरे गठबंधन पर कांग्रेस हावी दिखी है। पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के साथ ही धोखा किया है। अपने नफा-नुकसान को देखकर कांग्रेस ने INDI गठबंधन के सहयोगियों से ही लड़ाई लड़ी है तो जरूरत पड़ने पर कुछ राज्यों में अपने ही दम पर चुनाव लड़ा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद हरियाणा का विधानसभा चुनाव इस बात का सबूत है। बहरहाल, उसी रवैया का साइड इफेक्ट उत्तर प्रदेश उपचुनाव में देखा जा सकता है, जहां कांग्रेस की एक तरीके से फजीहत हो गई है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 24 October 2024 at 10:09 IST