अपडेटेड February 6th 2025, 20:41 IST
US Deports Illegal Indian Migrants: अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारतीयों का पहला जत्था भारत भेज दिया। अमेरिका से वापस आए 104 भारतीयों में पंजाब से 30, हरियाणा और गुजरात के 66, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 6 और चंडीगढ़ के 2 लोग शामिल हैं। सुनहरे भविष्य की उम्मीद और लाखों सपने लेकर अमेरिका गए ये युवा कर्ज का बोझ और टूटे हुए सपने लेकर अपने वतन आए हैं।
अपनों को अच्छी जिंदगी देने के लिए किसी ने भारी-भरकम रकम उधार ली, किसी ने जमीन बेचकर रुपये जुटाए तो किसी ने अपना घर गिरवी रखा था। लेकिन अब इन लोगों को स्वदेश भेजे जाने के कारण उन्हें लगता है कि वह कर्ज के बोझ से कभी मुक्त नहीं हो पाएंगे। परिजनों ने आरोप लगाया कि ट्रैवल एजेंट ने उनके परिजन को अमेरिका भेजने के लिए गलत तरीके अपनाए, जिससे वे अनजान थे। अब लोग एजेंट के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अधिकतर लोग पैसे उधार लेकर अमेरिका गए थे।
अमेरिका से डिपोर्ट किए 104 भारतीयों में हरियाणा के करनाल जिले के 7 लोग शामिल हैं। डिपोर्ट हुए कालरम गांव के आकाश राणा के बड़े भाई शुभम राणा ने बताया कि उनका छोटा भाई डंकी रूट से अमेरिका गया था। आकाश 10 महीने का सफर तय कर 26 जनवरी का अमेरिका पहुंचा था। इस सफर में पल-पल जान का खतरा था। अमेरिका जाने के बाद 8 दिन में ही डिपोर्ट कर दिया गया। डिपोर्ट लिस्ट में आकाश का 38वां नंबर था।
शुभम ने बताया कि आकाश को अमेरिका भेजने के लिए करीब 65 लाख रुपये एजेंट को दिए थे। दोनों भाईयों ने अपने-अपने हिस्से की ढाई किल्ला जमीन बेचकर रकम जुटाई थी। अब भारत आने के बाद आकाश डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं। शुभम ने बताया कि अमेरिका में पकड़े गए भारतीयों को टॉर्चर भी किया जा रहा है। उनके भाई आकाश को भी करंट लगाया गया था।
डोंकी रूट से भाई को अमेरिका भेजने पर अफसोस जताते हुए शुभम ने कहा कि सब ये ही चाहते हैं कि उनका और उनके परिवार का भविष्य अच्छा हो। ये ही सोचकर, जमीन बेचकर बाहर जाने का कदम उठाते हैं। आज हम पछता रहे हैं कि हमने डोंकी रूट से अमेरिका क्यों भेजा। उन्होंने एजेंट पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने हमें धोखे में रखा। एजेंट ने कहा था कि जंगलों से नहीं चलना पड़ेगा, लेकिन जंगल का सफर तय करके अमेरिका पहुंचा।
डोंकी रूट के बारे में शुभम ने बताया कि मेरे भाई के ग्रुप में कुल 9 लड़के थे। जिनमें 2 लड़कों की रास्ते में पहाड़ी पर चढ़ते हुए गिरने से मौत हो गई। आकाश ने अपने भाई को बताया कि उन्होंने रास्ते में नदी में तैरती हुई लाश भी देखी। शुभम ने कहा कि डोंकी रूट का बहुत बुरा हाल है, कोई भी अपने बच्चों को डोंकी रूट से ना भेजे।
अलग-अलग राज्यों के 104 अवैध प्रवासियों को अमेरिकी वायु सेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान बुधवार को अमृतसर हवाई अड्डे लेकर पहुंचा है। निर्वासित किए गए लोगों में 19 महिलाएं, 4 साल का एक लड़का, 5 और 7 साल की दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं। अमेरिका से आए कई लोगों ने बताया कि उन्हें पूरी यात्रा के दौरान हथकड़ी लगी थी और पैरों में जंजीरें बांधी गई थीं, जिन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही हटाया गया।
डंकी रूट एक अवैध रास्ता है। जिसका इस्तेमाल लोग गैर-कानूनी तरीके से एक देश से दूसरे देश में प्रवेश करने के लिए करते हैं। यह आमतौर पर उन देशों में देखा जाता है जहां लोगों को कठिन कानूनी प्रक्रियाओं या सख्त वीजा नीतियों के कारण वैध रूप से प्रवेश करने में मुश्किल होती है। इसमें पहाड़ों, जंगलों, रेगिस्तानों, नदियों या समुद्रों के जरिए चोरी-छिपे सीमाएं पार की जाती हैं। इस सफर में हमेशा जान का खतरा बना रहता है।
डंकी रूट पर बिचौलियों की मदद से आगे बढ़ा जाता है। लोग एजेंटों को बड़ी रकम देकर अवैध यात्रा का इंतजाम करवाते हैं। कुछ मामलों में फर्जी पासपोर्ट या वीजा का भी इस्तेमाल किया जाता है। कई बार सफर पर निकले लोग भूख, ठंड, पुलिस की सख्ती और तस्करों के शोषण का शिकार हो सकते हैं। इसमें गिरफ्तारी और डिपोर्टेशन का खतरा हमेशा बना रहता है।
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल जैसे देशों से लोग यूरोप, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में जाने के लिए इस रूट का इस्तेमाल करते हैं। खासकर पंजाब और गुजरात से बड़ी संख्या में लोग अमेरिका और कनाडा जाने के लिए डंकी रूट अपनाते हैं।
पब्लिश्ड February 6th 2025, 19:47 IST