अपडेटेड 9 June 2025 at 22:56 IST
देश में इन दिनों अजीबो-गरीब मामले सामने आ रहे हैं। एक जमाना था, जब ये कहा जाता था कि पति-पत्नी का साथ एक बार अगर जुड़ जाए तो मरने के बाद ही शायद ये रिश्ता खत्म होता है। हालांकि, आज के दौर में ये तस्वीर बदल चुकी है। आज के दौर में सावित्री जैसी पत्नी बेहद कम मिलती है, जो पति की जान यमराज से वापस लेकर आ जाए। कलयुगी महिलाएं अपने पति की जान को खुद यमराज के हाथों में दे देती है। ताजा उदाहरण इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या और यूपी का सौरभ हत्याकांड का मामला है। खैर, एक ताजा मामला उत्तर प्रदेश के झांसी से आया है, जहां एक पत्नी अपने पति को अस्पताल के बिस्तर पर मरता हुआ छोड़कर चली गई।
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में सुनील गुप्ता नाम का एक मरीज एक अस्पताल में भर्ती था। सुनील की स्थिति काफी गंभीर थी, उसे पता था कि वो अपनी जिंदगी के आखिरी पल जी रहा है। सुनील टीवी की बीमारी से जूझ रहा था और उसके परिवार ने उसे 2 जून को महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। सुनील को खून की भी कमी थी।
शुरुआत में तो सुनील की पत्नी उसके साथ रही और देखभाल किया। लेकिन, 5 जून को सुनील को अपनी हालत का अंदाजा हो गया था, इसलिए उसने हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने की बात कही। इससे पहले कि सुनील हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो पाता, उसकी पत्नी उसे अपने 11 साल के बेटे के साथ छोड़कर चली गई। अस्पताल की नर्स ने उसे फोन किया तो महिला ने आने से साफ मना कर दिया। 11 साल का वो मासूम बच्चा पिता की मदद के लिए रिश्तेदारों को बुलाता रहा, लेकिन कोई नहीं आया। फिर 7 जून के सुनील की बहन ने अस्पताल में फोन करके बोला कि वह अपने भाई को लेने आ रही है, मरीज को नीचे भेज दिया जाए।
अपने भाई को ले जाने के लिए बहन आई तो जरूर, लेकिन उसके आने में बहुत देर हो चुकी थी। जब तक सुनील को व्हीलचेयर से ऊपर से नीचे लाया गया, तब तक वह इस दुनिया को अलविदा कह चुका था। फिर मौत की सूचना मिलते ही सुनील को इमरजेंसी में बुलाया गया, लेकिन उसके परिजन उसका शव लेकर चले गए। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल पर आरोप लगाया कि सुनील को सही ढंग से इलाज नहीं मिला।
पब्लिश्ड 9 June 2025 at 22:56 IST