अपडेटेड 19 August 2025 at 16:00 IST
Cabinet Meeting: कोटा-बूंदी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए 1507 करोड़ की मंजूरी, कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले पर मुहर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने 1,507 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से राजस्थान में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे-कोटा-बूंदी हवाई अड्डे के विकास को मंजूरी दे दी है
- भारत
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Cabinet Meeting: दिल्ली में मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में दो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है गई है, जो क्षेत्रीय विकास और आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने जाएंगी। ये परियोजनाएं राजस्थान में कोटा-बूंदी में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा और ओडिशा में भुवनेश्वर बाईपास है।
राजस्थान के कोटा-बूंदी में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का विकास 1,507 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से होगा। इसके अलावा कटक और भुवनेश्वर के बीच 6 लेन एक्सेस कंट्रोल रोड को मंजूरी मिली है। 110.875 किमी लंबा 6 लेन एक्सेस कंट्रोल रोड के निर्माण में 8,308 करोड़ की लागत आएगी। इन परियोजनाओं से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार सृजन और बेहतर कनेक्टिविटी के नए द्वार भी खुलेंगे।
20 लाख यात्रियों की क्षमता
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे- कोटा-बूंदी हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन 3200 मीटर लंबे रनवे के साथ 20,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला है। इसकी क्षमता हर साल 20 लाख यात्रियों की होगी, जो 1,000 पीक आवर यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा। सरकार इसे 2 साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
इस हवाई अड्डे में 3,200 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे 11/29 होगा। A-321 प्रकार के विमानों के लिए 7 पार्किंग बे भी बनाएं जाएंगे। दो लिंक टैक्सीवे, ATC सह तकनीकी ब्लॉक, अग्निशमन स्टेशन और कार पार्क होगी। यह हवाई अड्डा न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि कोटा और बूंदी जैसे क्षेत्रों में पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगा।
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भुवनेश्वर बाईपास
दूसरी ओर ओडिशा में भुवनेश्वर बाईपास एक 6-लेन एक्सेस-नियंत्रित कैपिटल रीजन रिंग रोड को मंजूरी मिली है। जिसकी लंबाई 110.875 किमी और लागत ₹8,308 करोड़ है। इस परियोजना से कटक, भुवनेश्वर और खोरधा शहरों से भारी यातायात को हटाकर ओडिशा और पूर्वी राज्यों को लाभ मिलेगा। NH-55, NH-57, NH-655 और SH-65 (राज्य राजमार्ग) के साथ एकीकृत, जो आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक नोड्स को जोड़ता है।
भविष्य की ओर एक कदम
सरकार की ये परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए बेहतर जीवन स्तर और आर्थिक अवसर भी प्रदान करेंगी। कोटा-बूंदी हवाई अड्डा क्षेत्र के दूरदर्शी विकास का प्रतीक है, जबकि भुवनेश्वर बाईपास ओडिशा को एक आधुनिक और कनेक्टेड राज्य के रूप में स्थापित करेगा।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 19 August 2025 at 15:48 IST