पब्लिश्ड 15:56 IST, February 4th 2025
क्या उत्तराखंड और गुजरात की तरह महाराष्ट्र में भी लागू होगी समान नागरिक संहिता? डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने दिया जवाब
Uniform Civil Code: उत्तराखंड और गुजरात में यूसीसी के बाद क्या महाराष्ट्र में भी समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी, इस एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?

Uniform Civil Code: उत्तराखंड के बाद गुजरात सरकार ने भी राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐलान कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। सीएम भूपेंद्र पटेल ने इसका ऐलान किया।
उत्तराखंड और गुजरात में यूसीसी के बाद क्या महाराष्ट्र में भी समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी, ये सवाल जब राज्य के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार और मैं इस पर चर्चा करने के लिए एक साथ बैठेंगे और निर्णय लेंगे।
उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां UCC लागू हो चुका है। धामी सरकार ने 27 जनवरी से प्रदेश में इसे लागू कर दिया। उत्तराखंड के बाद अब गुजरात की सरकार ने भी UCC लाने की तैयारी में है।
45 दिनों में समिति सौंपेगी रिपोर्ट
गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि UCC का मसौदा तैयार करने और कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति गठित की गई है। यह समिति 45 दिनों में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी।
समिति के अन्य सदस्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी सीएल मीणा, अधिवक्ता आर.सी. कोडेकर, शिक्षाविद् दक्षेष ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ शामिल हैं।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने इस पर कहा, "समान नागरिक संहिता संविधान की भावना है जो समरसता और समानता स्थापित करेगी। गुजरात के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले। इसके लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रपटेल ने समान नागरिक संहिता कानून लाने के लिए एक समिति बनाई है। यह समिति सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनाई गई है। समिति अगले 45 दिनों में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।"
क्या है समान नागरिक संहिता (UCC)?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना। फिर चाहे वह किसी भी धर्म, लिंग या जाति का हो। इसके लागू होने पर विवाह, तलाक, बच्चे को गोद लेने या फिर संपत्ति के बंटवारे में सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून लागू होगा। किसी के लिए अलग नियम या कानून नहीं होंगे। संविधान में भी इसका जिक्र है।
अपडेटेड 15:56 IST, February 4th 2025