अपडेटेड 22 October 2024 at 11:51 IST

BREAKING: ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद HC को ट्रांसफर हो सभी मुकदमे, SC में याचिका दाखिल

ज्ञानवापी मामले में चार महिलाएं सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचीं और उन्होंने सभी केस ट्रांसफर करने की अर्जी लगाई है।

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Gyanvapi mosque complex
ज्ञानवापी मामला | Image: File/ANI

अखिलेश राय

Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर केस में बड़ी अपडेट आई है। मामले में अपनी याचिका को लेकर चार महिलाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने ज्ञानवापी से जुड़े सभी मुकदमे जिला और सिविल जज की अदालत से इलाहाबाद हाई कोर्ट को ट्रांसफर करने की मांग की है। 

ज्ञानवापी परिसर में दर्शन और पूजा के अधिकारी की मांग करने वाली महिलाओं ने अपना केस और अन्य सभी मुकदमे हाई कोर्ट ट्रांसफर किए जाने चाहिए।

‘निचली अदालतों में लंबित हैं 15 मामले’

ज्ञानवापी परिसर में दर्शन, पूजा और वहां आदि विश्वेश्वर का मूल मंदिर होने का दावा करने वाले कुल 15 मुकदमे वाराणसी की निचली अदालत में लंबित हैं। इसमें से 9 मुकदमे जिला जज की अदालत में लंबित हैं, जबकि बाकी के 6 मुकदमे सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में हैं। सभी मुकदमों को इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई है।

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याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी और तीन अन्य महिलाओं ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन और जिला जज की अदालत में लंबित पड़े मुकदमों में कानून के अहम सवाल शामिल हैं। इसमें सिर्फ बड़ी अदालत को ही तय करना चाहिए।  

ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों में पौराणिक और ऐतिहासिक तथ्यों के अलावा पुरातात्विक महत्व, हिंदू और मुस्लिम लॉ की व्याख्या और उपासना स्थल अधिनियम 1991 समेत प्रतिकूल कब्जे के कानून और संविधान के भाग तीन के तहत मौलिक अधिकारों विशेष कर अनुच्छेद 13, 21 और 25 की व्याख्या का मुद्दा शामिल है। मांग की गई है कि सभी मुकदमे को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए।

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याचिका में दिया गया ये तर्क

याचिका में तर्क दिया गया है कि ज्ञानवापी से जुड़े कुछ मामले सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत और कुछ जिला जज की अदालत में पेंडिंग हैं। पुनर्विचार सहित कुछ मामले हाई कोर्ट में भी लंबित हैं। इसके अलावा कुछ पुनर्विचार याचिकाएं जिला जज के पास भी लंबित हैं। जिला जज मूल वादों पर भी सुनवाई कर रहे हैं। ऐसे में मामलों को लेकर अलग अलग या विरोधाभासी आदेश आ सकते है, इसलिए सभी मुकदमे हाई कोर्ट ट्रांसफर किए जाएं। 

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 22 October 2024 at 10:17 IST