अपडेटेड 10 July 2025 at 18:08 IST

ट्रेन ड्राइवर ने दी इंसानियत की मिसाल, रेलवे पटरी पर हथिनी दे रही थी बच्चे को जन्म, दो घंटे तक रुकी रही रेलगाड़ी फिर...

झारखंड में एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई, जब एक ट्रेन को लगभग दो घंटे के लिए रोक दिया गया ताकि एक जंगली हथिनी अपने बच्चे को रेलवे ट्रैक पर सुरक्षित रूप से जन्म दे सके। यह दुर्लभ और भावनात्मक पल कैमरे में कैद हो गया, जिसने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत लिया।

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ट्रेन ड्राइवर ने दी इंसानियत की मिसाल, रेलवे पटरी के पास हथिनी दे रही थी बच्चे को जन्म, दो घंटे तक रुकी रही रेलगाड़ी फिर... | Image: Meta- AI

Jharkhand Elephant Video Viral: झारखंड से एक भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का दिल छू लिया है। दरअसल, एक जंगली हथिनी जब रेलवे ट्रैक पर अपने बच्चे को जन्म देने लगी, तो ट्रेन को करीब दो घंटे के लिए रोक दिया गया। रेलवे और वन विभाग की सूझबूझ से यह पूरा घटनाक्रम बेहद शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। कैमरे में कैद हुई इस touching घटना में देखा गया कि हथिनी अपने नवजात बच्चे के साथ ट्रैक पार कर सुरक्षित जंगल की ओर लौट गई। यह दृश्य इंटरनेट पर वायरल हो गया है और लोग इस मानवीय फैसले की जमकर सराहना कर रहे हैं।

इस खूबसूरत और भावनात्मक पल को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया। उन्होंने इस घटना को संवेदनशीलता की जीवंत मिसाल बताते हुए लिखा कि जहां आमतौर पर इंसान और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की खबरें सुनने को मिलती हैं, वहीं यह दृश्य मानवीय करुणा और वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। मंत्री के इस पोस्ट ने लाखों लोगों का ध्यान खींचा और इस बात को उजागर किया कि कैसे थोड़ी सी संवेदनशीलता से प्रकृति और प्रगति के बीच संतुलन बनाया जा सकता है। यह घटना न सिर्फ झारखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गई है।


वन विभाग और रेल अधिकारियों की केंद्रीय मंत्री ने की सराहना

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने झारखंड की इस दुर्लभ और मार्मिक घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए वन विभाग और रेलवे अधिकारियों की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई ने न केवल हथिनी और उसके नवजात बच्चे की जान बचाई, बल्कि एक बेहतरीन उदाहरण भी पेश किया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने आगे कहा कि यह घटना दर्शाती है कि जब इंसान और वन्यजीवों के बीच समझदारी और आपसी सामंजस्य होता है, तो परिणाम न सिर्फ सकारात्मक, बल्कि प्रेरणादायक भी होते हैं। उन्होंने इसे मानवीय करुणा और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की जीवंत मिसाल बताया, जो पूरे देश के लिए सीख लेने जैसा क्षण है।


केंद्र सरकार ने पूरा कर लिया 3500 किमी लंबी रेलवे पटरियों का सर्वे

मंत्री भूपेंद्र यादव ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) और रेलवे मंत्रालय संयुक्त रूप से वन्यजीव संरक्षण को लेकर गंभीर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दोनों मंत्रालयों ने अब तक करीब 3,500 किलोमीटर लंबी रेलवे पटरियों का सर्वे पूरा कर लिया है। इस सर्वे के आधार पर 110 से अधिक ऐसे जोन की पहचान की गई है, जो वन्यजीवों के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। इन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की योजना बनाई जा रही है, ताकि जंगलों से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के दौरान किसी भी वन्य जीव को कोई नुकसान न पहुंचे। यह कदम वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव-प्रकृति के संतुलित सह-अस्तित्व की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।

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वायरल वीडियो ने दिया प्रकृति और मानव के बीच तालमेल का संदेश

यह मार्मिक घटना एक गहरा संदेश देती है कि अगर इंसान संवेदनशीलता और समझदारी से काम ले, तो प्रकृति और मानव के बीच तालमेल पूरी तरह संभव है। झारखंड में रेलवे ट्रैक पर हथिनी द्वारा बच्चे को जन्म देने की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसे अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। लोग हथिनी के मातृत्व भाव से भावुक हो उठे हैं, वहीं रेलवे अधिकारियों की मानवीयता और त्वरित फैसले की भरपूर सराहना कर रहे हैं। यह दृश्य सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि जब इंसान और प्रकृति एक-दूसरे के प्रति सम्मान और करुणा दिखाते हैं, तो संतुलित सह-अस्तित्व का सुंदर उदाहरण सामने आता है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 10 July 2025 at 18:08 IST