Published 20:00 IST, October 21st 2024
Ganderbal Terror Attack: आतंकी हमले में मारे गए डॉक्टर को हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजलि
डॉक्टर के पड़ोसी अली मोहम्मद ने कहा, ‘‘यह आसमान से बिजली गिरने जैसा है। परिवार अब भी शादी का जश्न मना रहा था और अब यह खबर आ गई।’’
Ganderbal Terror Attack : बडगाम में दो हफ्ते पहले ही डॉक्टर शाहनवाज के घर में खुशी का माहौल था जब उनकी बेटी की शादी में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। सोमवार को उनके आवास और आस-पास की सड़कों पर लोग गम में डूबे थे।
जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में रविवार को आतंकी हमले में मारे गए 52 वर्षीय डॉक्टर को श्रद्धांजलि देते हुए हजारों लोगों ने ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर’ (अल्लाह सबसे महान है) के नारे लगाए। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों ने डॉक्टर और छह मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
शाहनवाज के अंतिम संस्कार के लिए बडगाम के सोइबुघ इलाके के नायदगाम और आसपास के इलाकों से लोग पहुंचे। डॉक्टर के पड़ोसी अली मोहम्मद ने कहा, ‘‘यह आसमान से बिजली गिरने जैसा है। परिवार अब भी शादी का जश्न मना रहा था और अब यह खबर आ गई।’’
वह हमारे पिता और माता दोनों थे- शाहनवाज की बहन
शाहनवाज की बहन ने बताया कि उनके माता-पिता की असमय मृत्यु के बाद उन्होंने (डॉक्टर) अपने भाई-बहनों का पालन-पोषण किया। शाहनवाज की बहन ने कहा, ‘‘वह हमारे पिता और माता दोनों थे...आज हम सचमुच अनाथ हो गए हैं।’’ डॉक्टर के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव लाए जाने से पहले ही काफी संख्या में लोग एकत्र हो चुके थे।
उन्होंने प्रार्थना समारोह में भाग लिया और अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद धार्मिक नारों के बीच उन्हें उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए ले जाया गया। डॉक्टर के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।
आतंकी हमले में हुई डॉक्टर शाहनवाज की मौत
शाहनवाज को एपीसीओ इंफ्राटेक नामक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में सुरंग निर्माण स्थल पर चिकित्साकर्मी के तौर पर तैनात किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने देर शाम अपने शिविर में वापस आए एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की। हमले में पांच लोग घायल हो गए और उनका इलाज चल रहा है।
शाहनवाज के एक पड़ोसी ने कहा कि यह जघन्य अपराध की घटना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस्लाम में, हम मानते हैं कि किसी बेकसूर को मारना सभी इंसानों को मारने के बराबर है। डॉक्टर साहब बेकसूर थे, वे बेहद नेक शख्स थे और जरूरतमंद लोगों की मदद करते थे।’’
Updated 20:00 IST, October 21st 2024