अपडेटेड 21 October 2024 at 20:24 IST
मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता, LAC को लेकर चीन के साथ बड़े समझौते के करीब भारत
LAC को लेकर भारत और चीन विवाद में मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली है। LAC को लेकर भारत और चीन बड़े समझौते के करीब पहुंच गया है।
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BIG BREAKING: वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद अब थम सकता है। मोदी सरकार के लिए ये एक बड़ी जीत साबित हो सकती है। दरअसल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की है कि भारत और चीन LAC पर गश्त व्यवस्था को लेकर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। यह निर्णय दोनों देशों के अधिकारियों के बीच व्यापक बातचीत के बाद लिया गया है, जिसका उद्देश्य 2020 में हुई झड़पों के बाद से जारी तनाव को दूर करना है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "हम चीन के साथ चर्चा किए जा रहे मुद्दों पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं।" उन्होंने खास तौर से इस बात पर जोर दिया कि इस समझौते से सीमा पर आखिरकार सैनिकों की वापसी का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जो क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
LAC से सैनिकों की हो रही वापसी
भारत और चीन के बीच बीते कई दिनों में एलओसी को लेकर बातचीत हुई है। विदेश सचिव ने पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, "भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर सहमति बन गई है। इससे सैनिकों की वापसी हो रही है और आखिरकार 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान हो रहा है।"
22 अक्टूबर को शुरू होगा BRICS शिखर सम्मेलन
BRICS समिट को लेकर जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ नए सदस्य भी भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन 22 अक्टूबर को शुरू होगा और पहले दिन शाम को नेताओं के लिए रात्रिभोज होगा। शिखर सम्मेलन का मुख्य दिन 23 अक्टूबर है जिसमें दो मुख्य सत्र होंगे- सुबह एक क्लोज प्लेनरी सेशन और उसके बाद दोपहर में एक ओपन प्लेनरी सेशन जो शिखर सम्मेलन के मुख्य विषय को समर्पित होगा। नेताओं द्वारा कजान घोषणा को अपनाने की भी उम्मीद है जो ब्रिक्स के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगी... शिखर सम्मेलन 24 अक्टूबर को समाप्त होगा लेकिन प्रधानमंत्री महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताओं के कारण 23 अक्टूबर को नई दिल्ली लौटेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा कुछ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है।"
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चीन सीमा विवाद पर एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले कहा था कि भारत-चीन सीमा विवाद वार्ता पर 75 फीसदी प्रगति हुई है, तो यह केवल पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी पर था। विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत का चीन के साथ "मुश्किल इतिहास" रहा है और बीजिंग ने 2020 में LAC पर कई सैनिकों को भेजा। न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में एशिया सोसाइटी में कहा, "हमारा चीन के साथ एक कठिन इतिहास रहा है। चीन के साथ हमारे स्पष्ट समझौतों के बावजूद, हमने कोविड के बीच में देखा कि चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में बलों को LAC पर भेजा। यह संभावना थी कि कोई दुर्घटना होगी और ऐसा हुआ। इसलिए, झड़प हुई और दोनों तरफ कई सैनिक मारे गए।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 21 October 2024 at 15:51 IST