अपडेटेड 25 August 2025 at 11:24 IST

'वो जेल से सरकार चलाना चाहते...', PM-CM वाले बिल पर अमित शाह ने विपक्ष पर बोला करारा हमला

अमित शाह कहा कि 130वें संविधान संशोधन बिल में हमने प्रावधान किया है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, भारत सरकार या फिर राज्य सरकार के मंत्री किसी भी गंभीर आरोप में अगर अरेस्ट होते हैं और 30 दिन तक उनको जमानत नहीं मिलती।

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Shah
Shah | Image: ANI

Amit Shah: गृहमंत्री अमित शाह ने आज, 25 अगस्त को राजनीतिक और संवेधानिक मुद्दों पर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने 130वें संविधान संशोधन बिल पर अपनी राय रखी और इसके विरोध पर करारा हमला बोला।

अमित शाह ने कहा कि 130वें संविधान संशोधन बिल में हमने प्रावधान किया है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, भारत सरकार या फिर राज्य सरकार के मंत्री किसी भी गंभीर आरोप में अगर अरेस्ट होते हैं और 30 दिन तक उनको जमानत नहीं मिलती। तो उनको पद से मुक्त करेंगे। अगर वो नहीं करते अपने आप कानून वो मुक्त हो जाएंगे।

कोई PM-CM या नेता जेल से देश चला सकता?  

शाह ने साफ कहा कि वो खुद और भाजपा इस बात को खारिज करते हैं कि किसी ऐसे व्यक्ति के बिना देश नहीं चल सकता जो सलाखों के पीछे हो। उन्होंने सवाल कर कहा कि क्या कोई पीएम, सीएम या नेता जेल से देश चला सकता है?  

उन्होंने कहा कि इसके सदन के सामने रखने में क्या विरोध हो सकता है। जबकि मैंने स्पष्ट कर दिया कि हम इसको दोनों सदनों की संयुक्त समिति JPC को भेजेंगे, वहां आप अपने विचार रख सकते हैं। जब इस पर मतदान हो, तब आप वोट दे सकते हो क्योंकि संवैधानिक संशोधन है तो दो तिहाई बहुमत चाहिए दोनों सदन में। उस वक्त आप अपने विचार भी रख सकते हो, वोट भी कर सकते हो।

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अमित शाह ने विपक्ष को घेरा

शाह ने आगे कहा कि किसी भी सरकार के विधेयक को सदन में पेश न होने देना और इस तरह से व्यवहार करना, क्या ये लोकतंत्र में उचित है। संसद के दोनों सदन बहस के लिए है या शोर-गुल और हल्ले के लिए है। मुद्दे का विरोध हमने भी देखा है, हमने भी किया है, लेकिन विधेयक को पेश न होने देने की एक प्रकार की मानसिकता... मैं नहीं मानता कि ये लोकतांत्रिक है और विपक्ष को देश की जनता के सामने इसका जवाब देना होगा। 

'देश का HC-SC आंख मूंदकर नहीं बैठा'

आज इस देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या ज़्यादा है। प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं इसलिए ये बिल सिर्फ़ विपक्ष के लिए ही सवाल नहीं उठाता। ये हमारे मुख्यमंत्रियों के लिए भी सवाल उठाता है। इसमें 30 दिन की जमानत का प्रावधान है। अगर ये फर्जी किस्म का मामला है, तो देश का हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट आंख मूंदकर नहीं बैठा है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को किसी भी मामले में जमानत देने का अधिकार है। अगर जमानत नहीं मिलती, तो आपको पद छोड़ना पड़ेगा। मैं देश की जनता और विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या कोई सीएम, कोई पीएम या कोई मंत्री जेल से अपनी सरकार चला सकता है? क्या ये देश के लोकतंत्र के लिए उचित है?'

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‘संविधान निर्माताओं ने ऐसी बेशर्मी की कल्पना…’

अमित शाह कहते हैं, 'जब संविधान बना था, तब संविधान निर्माताओं ने ऐसी बेशर्मी की कल्पना भी नहीं की होगी कि कोई मुख्यमंत्री जेल जाएगा और जेल से ही मुख्यमंत्री बना रहेगा।'

'अदालत भी कानून की गंभीरता को समझती है। जब किसी को 30 दिन बाद इस्तीफा देना होता है, तो उससे पहले अदालत तय करती है कि उसे जमानत मिलनी चाहिए या नहीं। जब हाई कोर्ट में केस गया कि अरविंद केजरीवाल जेल में हैं तब उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था। मेरी पार्टी का मानना ​​है, देश के प्रधानमंत्री का मानना ​​है कि इस देश का कोई भी मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री जेल में रहते हुए सरकार नहीं चला सकता। जब संविधान बना था, तब संविधान निर्माताओं ने ऐसी बेशर्मी की कल्पना भी नहीं की होगी कि कोई मुख्यमंत्री जेल जाएगा और जेल से ही मुख्यमंत्री बना रहेगा।'

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 25 August 2025 at 11:24 IST