अपडेटेड 22 June 2025 at 12:59 IST
ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में अमेरिकी की एंट्री के बाद यह भीषण रूप ले लिया है। अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है। ट्रंप के इस फैसले के बाद इजरायल-ईरान के साथ-साथ अब अमेरिका में भी तनाव के हालात हो गए हैं। इस हमले के बाद ईरान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए साफ कह दिया है कि वो अपने कदम पीछे करने वाला नहीं है। वहीं, अब अमेरिका के इस फैसले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को बड़ी नसीहत भी दी है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले और इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर कहा, अगर अमेरिका को लगता है कि ईरान हथियार छोड़ देगा, तो वे गलतफहमी में हैं। ईरान करबला को याद रखता है और यह समझता है कि यह दूसरा करबला है। वे अपनी गर्दनें कटवा देंगे, लेकिन गर्दनें झुकाएंगे नहीं।
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, वे वहां (ईरान में) एक शासन परिवर्तन चाहते हैं, क्या शासन परिवर्तन के बाद चीजें बेहतर होंगी? अमेरिका और इजरायल का लंबे समय से यह मानना है कि वे ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे, लेकिन अगर उन्हें लगता है कि ईरान अपनी महत्वाकांक्षा को छोड़ देगा, तो वे गलतफहमी में हैं।
बता दें कि अमेरिकी सेना ने बती रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों -फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर जोरदार हवाई हमले किए हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति ट्रंप ने पुष्टि की है कि एयर स्ट्राइक के बाद सभी अमेरिकी सैन्य विमान सुरक्षित रूप से अपने ठिकानों पर लौट आए हैं। अमेरिका का दावा है कि इन हमलों में ईरान की परमाणु क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया है और यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा। अपने संबोधन में ट्रंप ने ईरान को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि या तो शांति होगी या फिर त्रासदी।
पब्लिश्ड 22 June 2025 at 12:59 IST