अपडेटेड 4 December 2024 at 13:18 IST

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद को लेकर वाद बिंदु तय होगा, इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होगी।

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Mathura Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Masjid
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद विवाद | Image: PTI

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होगी। जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच में दोपहर 2 बजे से इस मामले पर सुनवाई शुरू होगी। इस दौरान वाद बिंदु तय किए जाएंगे। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने अदालती कार्यवाही की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर सख्त चेतावनी दी थी और स्पष्ट किया था कि इस प्रकार की गलत रिपोर्टिंग प्रथम दृष्टया कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। 

मथुरा में लंबित मामलों की हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई हो रही है, जिसमें मुख्य रूप से केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह का कब्जा वापस मंदिर को दिए जाने की मांग की जा रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा विवाद से जुड़ी 18 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। अर्जियों में विवादित स्थल हिंदुओं को सौंपें जाने की मांग की गई है, हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में आज वाद बिंदु तय किए जाने हैं। 

सर्वे कराए जाने की उठी है मांग 

पक्षकार भृगुवंशी आशुतोष पांडेय की तरफ से पिछली सुनवाई में एक अर्जी दाखिल की गई थी, इस अर्जी पर भी आज अदालत में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में विवादित परिसर की वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी कराकर सर्वे कराए जाने की मांग की गई है। हाईकोर्ट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सर्वे का आदेश जारी किए जाने की गुहार लगाई गई है। अर्जी में कहा गया है कि विवादित जगह पर पहले मंदिर था। 

क्या है विवाद  

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद के 13.37 एकड़ जमीन को लेकर विवाद है। करीब 11 एकड़ पर मंदिर है और 2.37 एकड़ जमीन पर मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने 1669-70 में कराया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि इसके कोई सबूत मौजूद नहीं हैं कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण एक मंदिर को तोड़कर कराया गया था। शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी है कि ईदगाह मस्जिद की संरचना पर दावा करने वाले हिंदू भक्तों द्वारा दायर याचिकाएं पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत वर्जित हैं। 

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 4 December 2024 at 13:15 IST