अपडेटेड 27 February 2025 at 11:38 IST
Telangana Tunnel Collapse: खोजी कुत्ते, बोरिंग मशीन काटने की तैयारी और... टनल में फंसे 8 लोगों को बचाने का अभियान तेज
तेलंगाना के मंत्री का बयान सामने आया है जिसमें उनका कहना है कि सुरंग में फंसे 8 कर्मचारियों को बचाने का अभियान दो दिनों में पूरा हो जाएगा।
- भारत
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Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में बन रहे SLBC सुरंग में फंसे 8 कर्मचारियों को 67 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। उन्हें बाहर निकालने के लिए सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, जीएसआई समेत अन्य एजेंसियों के शीर्ष विशेषज्ञ जुटे हुए हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद अबतक श्रमिकों से किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया है। इस बीच तेलंगाना के मंत्री का बयान सामने आया है जिसमें उनका कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन दो दिनों में पूरा हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार, सुरंग में पानी भरा हुआ है, कीचड़ और मलबा जमने लगा है। इसके अलावा क्षतिग्रस्त टनल बोरिंग मशीन भी रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौती पैदा कर रही है। इन सभी वजहों के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि उन्होंने बीते दिन कैबिनेट सहयोगी कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य अधिकारियों के साथ बचाव अभियान से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की। साथ ही स्थिति का आकलन किया।
दो दिनों में पूरा होगा बचाव अभियान- मंत्री
तेलंगाना मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के अधिकारियों, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत सभी अधिकारियों के साथ पूरे अभियान की समीक्षा की गई। हमने इस बार ठोस कार्ययोजना बनाई है। हम सुरंग में जमा कीचड़ के अंदर जाएंगे। हमें उम्मीद है कि हम दो दिन में इस अभियान को पूरा कर लेंगे। हमने इसे लेकर प्लानिंग और डेडलाइन तय कर ली है और अब इसके तहत आगे बढ़ेंगे।
बोरिंग मशीन को काटने समेत की जा रही ये तैयारी
मंत्री ने यह भी कहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बचावकर्मियों की जान की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इसके चलते मंगलवार को बचाव अभियान की गति धीमी कर दी गई थी। फिलहाल सुरंग में जमा पानी को निकालने का काम किया जा रहा है। सुरंग के अंदर लगी टनल बोरिंग मशीन को गैस कटर की मदद टुकड़ों में काटकर बाहर निकाला जाएगा। इसके बाद सेना, नौसेना, रैट माइनर्स और एनडीआरएफ की टीमें 8 कर्मचारियों को बचाने के लिए गंभीर प्रयार करेंगी। हालांकि इन सबके बीच बचाव कर्मियों की सुरक्षा से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
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हमने पूरी तरह आस नहीं छोड़ी- उत्तम कुमार रेड्डी
इस मौके पर उत्तम कुमार रेड्डी से टनल में फंसे आठ कर्मचारियों के जीवित होने को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमने पूरी तरह आस नहीं छोड़ी है। हम उन्हें बचाने और बाहर निकालने के इरादे से अपने काम पर आगे बढ़ रहे हैं।
खोजी कुत्तों की ली जाएगी मदद
बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में खोजी कुत्तों की मदद भी ली जाने की योजना है। जिलाधिकारी बी संतोष ने बुधवार को एजेंसी को बताया कि शुरुआत में (दुर्घटनास्थल से) 40 मीटर पहले तक ही पहुंचा जा सकता था, क्योंकि वहां कीचड़ था। लेकिन अब कीचड़ अधिकतम सीमा तक जम गया है। इसलिए टीम दुर्घटनास्थल तक जा सकती है। हमारे पास एक खोजी कुत्ता भी है जिसे अंदर ले जाया जाएगा। खोजी कुत्ते की मदद से फंसे हुए लोगों का पता लगाने की कोशिश करेंगे। संतोष का कहना है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाना ही प्रशानस की प्राथमिकता है।
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डर से मजदूरों ने काम करने से किया मना?
वहीं दूसरी ओर SLBC की दो मजदूर कॉलोनियों में रहने वाले सैंकड़ों डरे सहमे मजदूर अपनी मजदूरी और काम से छुट्टी की मांग कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मजदूर यूपी, बिहार और झारखंड से हैं।
टनल का एक हिस्सा ढहने से फंसे मजदूर
22 फरवरी को निर्माणाधीन SLBC सुरंग का एक हिस्सा ढहने की वजह से परियोजना पर काम करने वाले आठ श्रमिक फंस गए थे। भू-वैज्ञानिकों से लेकर तमाम एडवांस तकनीकों के जरिए फंसे मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 27 February 2025 at 11:38 IST