अपडेटेड 30 August 2024 at 12:28 IST
अदालत से पड़ी लताड़ तो बदले CM रेवंत रेड्डी के सुर, अब बिना शर्त मांग रहे हैं माफी; जानिए माजरा क्या
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। मुख्यमंत्री अब न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास की बात कर रहे हैं।
- भारत
- 2 min read

Telangana CM Revanth Reddy: तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी पड़ी है। रेवंत रेड्डी ने पिछले दिन बीआरएस की नेता के कविता को जमानत देने के बाद सवाल उठाए थे। इससे सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया था और मुख्यमंत्री को जमकर फटकार लगाई थी। अगले दिन ही रेवंत रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। मुख्यमंत्री अब न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास की बात कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बयान जारी करके कहा कि 'भारतीय न्यायपालिका के प्रति उनका सर्वोच्च सम्मान और पूर्ण विश्वास है। 29 अगस्त 2024 की कुछ प्रेस रिपोर्ट्स में मेरे नाम से की गई टिप्पणियों से ये आभास हुआ है कि मैं माननीय अदालत के न्यायिक विवेक पर सवाल उठा रहा हूं। मैं दोहराता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास रखता हूं। मैं प्रेस रिपोर्ट्स में व्यक्त किए गए बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं।'
रेवंत रेड्डी ने क्या बयान दिया?
मामला ये है कि 2015 के कैश फॉर वोट केस में बीआरएस नेता के कविता को सिर्फ 5 महीने बाद ही जमानत मिल गई, लेकिन दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में AAP के नेता मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद जमानत मिली थी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी भी जमानत के लिए इंतजार कर रहे हैं। इसको लेकर रेवंत रेड्डी ने सवाल खड़े किए। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने इस दौरान बीजेपी और बीआरएस में सौदेबाजी की ओर इशारा किया था। उन्होंने कथित तौर पर अपने बयान में कहा था, 'बीआरएस ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जिताने के लिए काम किया। चर्चा है कि के कविता को बीआरएस और बीजेपी के बीच सौदे के चलते जमानत मिली है।'
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार
के कविता की जमानत पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों से सुप्रीम कोर्ट भड़क गया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह से बयान देना चाहिए। कोई ये कैसे कह सकता है कि हम राजनीतिक कारणों से आदेश पारित करते हैं। जस्टिस गवई ने कहा कि सीएम ने जो बयान दिया है, ऐसे बयान आशंका पैदा कर सकते हैं। क्या हम किसी राजनीतिक दल से सलाह-मशविरा करके अपना आदेश पारित करेंगे? हम अपने विवेक और शपथ के अनुसार अपना कर्तव्य निभाते हैं।
Advertisement
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 30 August 2024 at 12:28 IST