अपडेटेड 10:57 IST, February 1st 2025
'धक्का मारकर उनका भी मोक्ष...', स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भड़के, महाकुंभ भगदड़ के बाद धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर संग्राम
Mahakumbh Stampede: बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धीरेंद्र शास्त्री के 'मोक्ष' वाले बयान पर तीखा पलटवार किया है।

Mahakumbh Stampede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित महाकुंभ में मची भगदड़ में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस हादसे से पूरे देश में हलचल मच गई। अब हाल ही में भगदड़ में हुई मौतों को लेकर बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री ने एक बयान दिया जिस पर बवाल मच गया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धीरेंद्र शास्त्री के 'मोक्ष' वाले बयान पर तीखा पलटवार किया है।
दरअसल, महाकुंभ के संगम क्षेत्र में बुधवार तड़के मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य जख्मी हो गए। जानकारी के मुताबिक, जब लाखों तीर्थयात्री मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के लिए त्रिवेणी संगम की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे तभी यह हादसा हुआ।
उनका भी मोक्ष करा देना चाहिए- शंकराचार्य
बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो भी लोग कहते हैं कि भगदड़ में मरने वालों को मोक्ष मिला है। तो उनका भी मोक्ष करा देना चाहिए। अगर वह तैयार हो जाए तो हम धक्का देकर उनका भी मोक्ष करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने आगे तीखे लहजे में कहा,
'यह कहना बहुत ही आसान है कि मोक्ष हो गया है। लेकिन जिस तरह से पैरों के नीचे कुचलकर, दबकर माताओं-बहनों और बच्चों की मौत हुई है वह बहुत ही दुखद और दर्दनाक है। ऐसा बोलने वाले लोग तैयार होकर घोषणा करें कि मेरा भी मोक्ष करा दो, मैं इसके लिए तैयार हूं। ऐसा बोलने वालों को मैं तुरंत मोक्ष दिला दूंगा।'
धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा था?
भगदड़ में हुई मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि देश में हर दिन लोग मर रहे हैं। करोड़ों लोग मर रहे हैं। कुछ दवा के बिना मर रहे हैं। कुछ हार्ट अटैक से मर रहे हैं। कुछ स्वास्थ्य की व्यवस्था के बिना मर रहे हैं। निश्चित रूप से यह जो घटना हुई वह निंदनीय हुई है और बहुत विचित्र हुई है।'
जो गंगा के किनारे मरेगा मोक्ष पाएगा- धीरेंद्र शास्त्री
उन्होंने आगे कहा था, 'यह महाप्रयाग है। मृत्यु सभी की आनी है। एक दिन सभी को मरना है और कोई गंगा के किनारे मरेगा तो मरेगा नहीं, बल्कि मोक्ष पाएगा। यहां कोई मरा नहीं है। असमय चले गए तो दुख है। हालांकि जाना तो सभी को है। यह बात तय है। कोई 20 तो कोई 30 साल बाद जाएगा। हमें और तुम्हे भी जाना है। वह असमय चले गए इसी बात का दुख है।'
पब्लिश्ड 10:57 IST, February 1st 2025