अपडेटेड 20 February 2024 at 13:07 IST

Sandeshkhali Violence: शुभेंदु अधिकारी ने X प्रोफाइल फोटो को किया ब्‍लैक, धामखाली में धरने पर बैठे

शुवेंदु अधिकारी ने फीयरलैस Journalism कर रहे R bangla रिपोर्टर Santu Pan के पक्ष में एक्स पर मुहिम चलाई है। अपनी प्रोफाइल पिक में काला धब्बा पोस्ट किया है।

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Suvendu Adhikari
शुवेंदु अधिकारी | Image: ANI

Sandeshkhali News: शुवेंदु अधिकारी ने फीयरलैस Journalism कर रहे R bangla रिपोर्टर Santu Pan के पक्ष में एक्स पर मुहिम चलाई है। अपनी प्रोफाइल पिक में काला धब्बा पोस्ट किया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट भी डाला। जिसमें लिखा- मैंने रिपब्लिक बांग्ला के पत्रकार संटू पान के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी प्रोफ़ाइल तस्वीर 24 घंटे के लिए काली कर दी है, जिन्हें संदेशखाली की महिलाओं पर भयानक अत्याचारों की बड़े पैमाने पर और लगातार रिपोर्टिंग करने के लिए ममता पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
मैं मीडिया को दबाने की ममता सरकार की इस बेशर्म कोशिश की निंदा करता हूं।

धरने पर बैठे फिर, हाईकोर्ट का दखल और…

पश्चिम बंगाल के एलओपी और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी को 19 फरवरी को संदेशखाली जाने की इजाजत मिली थी। जिसके बाद 20 फरवरी को वो वहां रवाना हुआ। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस अप्रत्याशित कदम को शुभेंदु ने चुनौती की तरह लिया और बस स्टैंड पर धरने पर बैठ गए।  जब रोका गया तो उन्होंने कहा-   "वे हाई कोर्ट को चुनौती दे रहे हैं...मैं यहां एक घंटे बैठूंगा और फिर हाई कोर्ट जाऊंगा। यह गैरकानूनी है। वे न्यायपालिका की अवज्ञा कर रहे हैं और हमारे संविधान को चुनौती दे रहे हैं।"

इसके बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया जिसके बाद उन्हें विधायक शंकर घोष के साथ जाने की इजाजत दी गई। वो मोटर बोट से वहां पहुंचे। संदेशखाली पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार अभिनंदन किया। 

कीड़े मकोड़े को बचा रहीं ममता- अग्निमित्रा

आर बांग्ला के रिपोर्टर के साथ भी पुलिस ने बर्बरता की। महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर  प्रदेश भाजपा के नेता संदेशखाली की ओर बढ़े तो उन्हें रोक दिया गया। एमएलए  अग्निमित्रा पॉल ने इसके पीछे ममता बनर्जी का हाथ बताया है। उन्होंने कहा है- ममता बनर्जी बहुत सी बातें छुपाना चाहती हैं… अगर हम आज संदेशखली जाएंगे तो 'कीड़े' खुलकर सामने आ जाएंगे… इसलिए हमें जाने नहीं दिया जा रहा है…हमारे एलओपी के पास न्यायालय से अनुमति थी फिर भी उन्हें रोका गया।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 20 February 2024 at 11:45 IST