अपडेटेड 1 May 2025 at 14:37 IST
'सुरक्षा बलों का मनोबल ना गिराएं, अर्जी लगाने का सही वक्त नहीं', पहलगाम मामले पर याचिका लगाने वाले को SC ने क्यों लगाई फटकार?
याचिका में पहलगाम हमले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की गई थी।
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Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। अदालत ने जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि जिम्मेदार बनो। इस तरह की याचिका से सेना का मनोबल न गिराएं।
पहलगाम हमले में 26 लोगों की हुई मौत मामले में यह याचिका दायर की गई थी। याचिका में पहलगाम हमले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की गई थी।
SC ने सुनवाई से किया इनकार
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने याचिका पर कहा, "जिम्मेदार बनो। देश को लेकर तुम्हारा कुछ कर्तव्य है। क्या यही तरीका है... कृपया ऐसा मत करो।" जजों ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि कब से एक रिटायर्ड हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ऐसे मुद्दों (आतंकवाद) की जांच करने के लिए विशेषज्ञ बन गए हैं? हम किसी भी बात पर विचार नहीं कर रहे हैं।
मुद्दे की संवेदनशीलता को समझें- सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस सूर्यकांत ने आगे कहा, "यह महत्वपूर्ण समय है जब इस देश के हर नागरिक ने आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मिलाया है। अदालत में ऐसी कोई अपील न करें, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल गिरे। मुद्दे की संवेदनशीलता को समझें।"
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याचिका में केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई थी। कुछ देर तक चली बहस के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी पिटीशन को वापस ले लिया।
बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को क्या हुआ था?
पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को अत्याधुनिक हथियारों से लैस पाकिस्तानी आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी। घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछ-पूछकर निशाना बनाया था। आतंकी यहीं नहीं रूके थे, पुरुषों की पैंट उतरवाई और प्राइवेट पार्ट देखकर चेक किया कि हिंदू हैं या मुस्लिम और फिर गोली मार दी। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश है।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 1 May 2025 at 14:37 IST