अपडेटेड 1 May 2025 at 15:03 IST
India-Pakistan Tension: जीरो लाइन पर कैसी है लाइफ... बच्चों की शिक्षा से सुरक्षा तक, बंदोबस्त क्या है? सब कुछ जानिए
अरनिया सेक्टर के एक स्कूल में रिपब्लिक टीम ने दौरा किया। अरनिया के त्रेवा इलाके में ये हायर सेकेंडरी स्कूल बना हुआ है।
- भारत
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India- Pakistan Tension: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। भारत आतंकियों और उनके पनाहगाहों को सबक सिखाने के लिए एक्शन प्लान पर काम कर रहा है, जबकि पाकिस्तान के भीतर इस बात का डर है कि भारत किसी भी समय हमला कर सकता है। इस टेंशन में पाकिस्तान बार-बार सीमापार से गोलियां दाग रहा है। पिछले कई दिन से जम्मू कश्मीर में अलग-अलग जगह पर सीजफायर उल्लंघन हुआ है। हालांकि ये सब वहां के स्थानीय लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी है और खासकर बच्चों की जिंदगी भारी टेंशन के बीच कटती है।
भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर एरिया में किसी भी समय गोलीबारी होती है, क्योंकि पाकिस्तान हमेशा अशांति चाहता है। इसका नुकसान उन लोगों को सबसे ज्यादा है, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक रहते हैं। ऐसे ही जीरो लाइन पर मौजूद स्कूल की कहानी बताते हैं, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ साथ सुरक्षा के उपाय सिखाए जाते हैं।
बच्चों को शिक्षा के साथ सुरक्षा का पाठ
अरनिया सेक्टर के एक स्कूल में रिपब्लिक टीम ने दौरा किया। अरनिया के त्रेवा इलाके में ये हायर सेकेंडरी स्कूल बना हुआ है। स्कूल में छात्र मौजूद थे और उन्हें पढ़ाने वाले टीचर्स भी बच्चों को हमले के समय बचने के तरीके बता रहे थे। टीचर्स बच्चों को स्कूलों में जागरुक कर रहे हैं। एक टीचर ने कहा कि हमारा स्कूल बिल्कुल जीरो लाइन पर है। यहां पर दो तीन साल से यहां ज्यादा दिक्कतें नहीं थीं। उससे पहले गोलीबारी अधिक होती थी, जिसमें बहुत लोगों की जान जा चुकी है। ऐसी घटनाओं से बच्चे भी डरे हुए रहते हैं।
टीचर ने कहा कि वो बच्चों को समझाते हैं और कहते हैं कि हमें डरना नहीं चाहिए। कुछ अहम बातें बताते हुए टीचर ने कहा कि बच्चों को ज्यादा बाहर नहीं घूमना चाहिए। बेहतर है कि बच्चे क्लासरूम के अंदर ही रहें। अगर घर पर बंकर बने हुए हैं तो उन बंकरों में रहना चाहिए। एक छात्रा ने कहा कि हमें सिखाया जाता है कि अगर गोलीबारी हो तो हमें जमीन पर लेट जाना चाहिए। अगर मौका हो तो बंकरों में चले जाना चाहिए।
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आपात स्थिति में और क्या करते हैं बच्चे?
जिस स्कूल के अंदर रिपब्लिक भारत की टीम गई, वहां भी बच्चों के लिए बंकर बने हुए थे। इस स्कूल में तकरीबन 100 से 150 बच्चे पढ़ते हैं। रिपब्लिक भारत की टीम ने बंकर का मुआयना भी किया और बच्चों की सुरक्षा जैसी चीजों को समझा। बंकर इस तरह बने हुए थे कि अगर बच्चों को ज्यादा समय तक यहां रुकने पड़े तो अंदर घुटन ना हो। बंकर में कुछ जगहों पर होल बने हुए थे।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 1 May 2025 at 14:24 IST