अपडेटेड 25 March 2025 at 15:29 IST
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव की बलात्कार पीड़िता की CRPF सुरक्षा वापस लेने से किया इनकार
उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव की बलात्कार पीड़िता को दी गई सीआरपीएफ सुरक्षा मंगलवार को यह कहते हुए वापस लेने से इनकार कर दिया कि उस पर अब भी खतरे की आशंका है।
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उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव की बलात्कार पीड़िता को दी गई सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) सुरक्षा मंगलवार को यह कहते हुए वापस लेने से इनकार कर दिया कि (उस पर) अब भी खतरे की आशंका है। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने हालांकि उसके परिवार के सदस्यों और अन्य गवाहों को दी गई सीआरपीएफ सुरक्षा यह कहते हुए हटा दी कि इस मामले में दोषसिद्धि हो चुकी है।
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस अदालत द्वारा संबंधित व्यक्तियों को प्रासंगिक समय पर दी गई सुरक्षा जारी नहीं रखी जानी चाहिए क्योंकि मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस अदालत के अगले आदेश तक पीड़िता के लिए सीआरपीएफ सुरक्षा बरकरार रहेगी।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि परिवार के सदस्य एवं अन्य गवाह अब भी खतरा महसूस करते हैं तो वे स्थानीय पुलिस के पास जाने के लिए स्वतंत्र हैं। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने दलील दी कि मामले में दोषसिद्धि हो चुकी है। उन्होंने शीर्ष अदालत से गवाहों को दी गई सीआरपीएफ सुरक्षा वापस लिए जाने की अनुमति मांगी।
केंद्र सरकार की थी सुरक्षा वापस लेने की मांग
केंद्र ने 2019 में अदालत के आदेश के बाद उन्हें प्रदान की गई सीआरपीएफ सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध करते हुए यह याचिका दायर की थी। भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। शीर्ष अदालत ने एक अगस्त 2019 को बलात्कार पीड़िता, उसकी मां, परिवार के अन्य सदस्यों और उनके वकील को सीआरपीएफ द्वारा सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 25 March 2025 at 15:29 IST