अपडेटेड 8 December 2024 at 19:16 IST

'खोला जाए शंभू बॉर्डर...', SC पहुंचा किसान आंदोलन का मामला, कल होगी सुनवाई

याचिका में शंभू बॉर्डर समेत हाईवे को खोलने की मांग को लेकर केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। मामले में कल सुनवाई होगी।

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Supreme Court
Supreme Court of India | Image: PTI

Farmers Protest News: विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े किसानों के आंदोलन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है, जिसमें शंभू बॉर्डर समेत हाईवे को खोलने के निर्देश देने की मांग की गई।

किसान आंदोलन की वजह से शंभू बॉर्डर कई महीनों से बंद पड़ा है। हरियाणा सरकार ने फरवरी माह से ही शंभू बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद किया है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। याचिका में शंभू बॉर्डर समेत हाईवे को खोलने की मांग को लेकर केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। मामले में सोमवार (9 दिसंबर) को सुनवाई भी होगी।

याचिका में की गई ये मांग

याचिका में कहा गया है कि इस तरह हाईवे को अवरुद्ध करना लोगों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। साथ ही ये नेशनल हाइवे एक्ट और BNS के तहत भी अपराध है। ऐसे में हाईवे को रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों को हाइवे से हटाने के निर्देश दें।

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किसानों का दिल्ली कूच फिर हुआ स्थगित

गौरतलब है कि MSP के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। रविवार (8 दिसंबर) को भी किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की। हालांकि इस बीच पुलिस के साथ झड़प के बाद किसानों ने दिल्ली मार्च फिलहाल स्थगित कर दिया।

जत्थे ने दोपहर में शंभू धरना स्थल से अपना पैदल मार्च फिर शुरू किया, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण उन्हें जल्द ही रुकना पड़ा। 101 किसानों के जत्थे ने दोपहर 12 बजे शंभू धरना स्थल से अपना पैदल मार्च फिर शुरू किया, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण उन्हें रोक दिया गया।

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प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और बैरिकेड्स तक पहुंचने के बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया गया। अंबाला पुलिस ने पहले कहा था कि किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही दिल्ली की ओर मार्च कर सकते हैं।

वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने आज का जत्था वापस लेने का निर्णय लिया है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। मीटिंग करने के बाद आपको आगे का कार्यक्रम बताएंगे।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 8 December 2024 at 19:16 IST