अपडेटेड 21 March 2025 at 22:12 IST
'गलत सूचना-अफवाह फैलाई गई', जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर पर आई सुप्रीम कोर्ट की सफाई; कहा- इसका कैश बरामदगी से कोई लेना-देना नहीं
SC ने साफ किया कि जस्टिस यशंवत वर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश का जो प्रस्ताव है, उसका उनको लेकर चल रही इन-हाउस जांच प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।
- भारत
- 3 min read

Justice Yashwant Varma Cash Recovery Row: दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कथित तौर पर मिले कैश मामले ने तूल पकड़ लिया है। जानकारी के अनुसार घर में बीते दिनों लगी आग के दौरान जज के घर से करोड़ों का कैश मिला। इस बीच उनका कॉलेजियम के उस फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिसमें जस्टिस वर्मा का दिल्ली हाई कोर्ट का इलाहाबाद हाई कोर्ट का तबादला कर दिया गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि ट्रांसफर के फैसले का कैश बरामदगी वाले मामले से कोई लेना-देना नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि इसको लेकर गलत सूचना और अफवाह फैलाई जा रही है।
दावा किया जा रहा था जस्टिस वर्मा से जुड़े कैश बरामदगी का मामला सामने आने के बाद कॉलेजियम की बैठक में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने का प्रस्ताव पास किया। कॉलेजियम के फैसले पर सवाल उठ रहे थे।
जांच से ट्रांसफर का कोई संबंध नहीं- सुप्रीम कोर्ट
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी कर साफ किया कि जस्टिस यशंवत वर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश का प्रस्ताव का उनको लेकर चल रही इन-हाउस जांच प्रक्रिया से कोई सम्बंध नहीं है। कोर्ट की ओर से भी यह भी बताया कि जज के घर कथित तौर पर मिले कैश मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सूचना मिलने के बाद इनहाउस जांच शुरू कर दी है। वो इससे जुड़े सबूत और सूचना इकट्ठा कर रहे हैं।
जज के खिलाफ इन हाउस जांच शुरू
बयान में बताया गया कि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 20 मार्च को हुई बैठक से पहले ही इन हाउस जांच शुरू कर दी थी। मामले में वह सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट भी सौंपेगे। इसके बाद कॉलेजियम इसी जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे अपना फैसला लेगा।
Advertisement
SC ने साफ किया कि जस्टिस यशंवत वर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश का जो प्रस्ताव है, उसका उनको लेकर चल रही इन-हाउस जांच प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।
बयान में कहा गया कि चीफ जस्टिस और SC के चार वरिष्ठतम जजों वाले कॉलेजियम ने 20 मार्च 2025 को ट्रांसफर के प्रस्ताव की जांच की और उसके बाद कॉलेजियम की ओर से दोनों हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस यशवंत वर्मा को पत्र लिखे गए हैं। उनसे मिली प्रतिक्रियाओं की जांच की जाएगी और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ट्रांसफर को लेकर उचित प्रस्ताव पारित करेगा।
Advertisement
क्या है कैश बरामदगी का पूरा मामला?
ये घटना होली (14 मार्च) के दिन की है। दिल्ली के तुगलक रोड पर जस्टिस यशवंत वर्मा के घर देर रात 11.30 बजे आग लग गई। तब जज शहर में नहीं थे। होली के त्योहार में वह कहीं बाहर गए हुए थे। इसके बाद आग बूझाने के लिए फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया गया। आग बुझाने के लिए बचावकर्मी एक कमरे में घुसे तो हक्के बक्के रह गए। कमरे में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ।
वहीं, 20 मार्च को कॉलेजियम की बैठक बुलाई। इसमें जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने का प्रस्ताव पास हुआ। जान लें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से ही जस्टिस यशवंत वर्मा 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट भेजा गया था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर और कैश बरामदगी के मामले का कोई लेना-देना नहीं है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 21 March 2025 at 22:12 IST