अपडेटेड 21 March 2025 at 16:44 IST

Cash Discovery Row: 'जज के घर कैश' पर बवाल, हरीश साल्वे ने उठाए कॉलेजियम के फैसले पर सवाल; धनखड़ बोले- कोई राजनेता होता तो...

आग बुझाने के लिए बचावकर्मी एक कमरे में घुसे तो हक्के बक्के रह गए। कमरे में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ।

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justice yashwant varma cash recovery row
justice yashwant varma cash recovery row | Image: pti, ani

Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर करोड़ों का कैश मिलने का मामला सामने आया है। बीते दिनों जज के घर में आग लगी थी। इस दौरान ही उनके घर से करोड़ों रुपये कैश बरामद हुआ। मामले जब बढ़ने लगा तो सुप्रीम कोर्ट ने जज यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया। इतना ही नहीं मामला इतना गंभीर हो गया कि ये मुद्दा संसद तक में उठा।

पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने भी इस मामले को बेहद गंभीर बताया और इसमें सही तरीके से जांच करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जजों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, तो यह लोकतंत्र का अंत होगा।

क्या है पूरा मामला?

ये घटना होली (14 मार्च) के दिन की है। दिल्ली के तुगलक रोड पर जस्टिस यशवंत वर्मा के घर देर रात 11.30 बजे आग लग गई। तब जज शहर में नहीं थे। होली के त्योहार में वह कहीं बाहर गए हुए थे। इसके बाद आग बूझाने के लिए फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया गया। आग बुझाने के लिए बचावकर्मी एक कमरे में घुसे तो हक्के बक्के रह गए। कमरे में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ।

इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने का प्रस्ताव हुआ पास

दिल्ली पुलिस की ओर से मामले की जानकारी गृह मंत्रालय को दी गई और इस संबंध में एक रिपोर्ट भी भेजी गई। गृह मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को CJI संजीव खन्ना को भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए CJI ने 20 मार्च को कॉलेजियम की बैठक बुलाई। इसमें जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने का प्रस्ताव पास हुआ। जान लें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से ही जस्टिस यशवंत वर्मा 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट भेजा गया था।

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कॉलेजियम के कुछ सदस्यों का ऐसा मानना ​​है कि ऐसे गंभीर मामलों में केवल ट्रांसफर काफी नहीं है। न्यायपालिका की छवि इससे धूमिल होती है और संस्था के प्रति लोगों का विश्वास भी कम होगा। इस दौरान सुझाव दिया गया कि जस्टिस यशवंत वर्मा से इस्तीफा मांगा जाना चाहिए। अगर वो ऐसा करने से इनकार करते हैं, तो उनकी CJI द्वारा इन-हाउस जांच शुरू की जानी चाहिए।

संसद में भी उठा मुद्दा

मामला इतना बड़ा और गंभीर बन गया कि इसे संसद में भी उठाया गया। राज्यसभा में जज के कैश कांड पर काफी बवाल मचा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मामले को लेकर न्यायिक जवाबदेही पर सभापति से जवाब मांगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार न्यायपालिका की अकाउंटेबिलिटी बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए।

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'...तो हिट लिस्ट में आ जाते राजनेता'

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नकदी की बरामदगी के मुद्दे पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें जिस बात की चिंता है वह यह है कि यह घटना हुई लेकिन तुरंत सामने नहीं आई। अगर ऐसी घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से जुड़ी होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत हिट लिस्ट में आ जाता।  उन्होंने इस तरह के मामलों में ऐसी प्रणालीगत प्रतिक्रिया की वकालत की जो पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी हो। सभापति ने कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान व्यवस्थित चर्चा के लिए तंत्र तलाशेंगे।

हरीश साल्वे ने उठाए कॉलेजियम के फैसले पर सवाल

हाई कोर्ट के जज के कैश कांड पर पूर्व सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी से बात की। उन्होंने कॉलेजियम के फैसले पर सवाल उठाए। हरीश साल्वे ने कहा कि कॉलेजियम का फैसला कई स्तरों पर गलत है। उन्हें सभी न्यायिक कर्तव्यों से निलंबित किया जाना चाहिए और स्वतंत्र जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोपों से न्यायपालिका में लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा। अगर लोगों को लगता है कि न्यायाधीशों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, तो यह लोकतंत्र का अंत होगा। हरीश साल्वे ने यह भी कहा कि संसद को इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि जिन लोगों को मैंने वोट दिया है वे साथ बैठें, कानून बनाएं और इस मामले को सुलझाएं।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 21 March 2025 at 16:12 IST