अपडेटेड 16 May 2025 at 11:02 IST
'पहले गहने लाकर दो...', मां की चिता पर लेट गया कलयुगी बेटा, रुकवाया अंतिम संस्कार; श्मशान में ही मंगाने पड़े चांदी के कड़े
पहले तो ओमप्रकाश ने भी मां की अर्थी को भी कंधा दिया, लेकिन फिर श्मशान घाट में उसने हंगामा शुरू कर दिया। बेटे ने मांग की कि पहले उसे मां के चांदी के कड़े और गहने लाकर दिए जाए।
- भारत
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Rajasthan news: राजस्थान के कोटपूतली से एक ऐसा मामला सामने आया है जो इंसानियत को शर्मसार कर देता है। यहां अपनी मां के अंतिम संस्कार से पहले उनके बेटे गहने के लिए आपस में लड़ गए। इस दौरान एक बेटा तो उनकी चिता पर ही लेट गया। इस दौरान काफी देर तक हंगामा होता रहा। इसके बाद श्मशान में ही गहने मंगाने पड़े, जिसके बाद मां का अंतिम संस्कार होने दिया गया।
सोशल मीडिया पर ये मामला सुर्खियों में बना हुआ है और लोग इसे कलियुग की सच्चाई बताते नजर आ रहे हैं।
बेटों के बीच संपत्ति को लेकर चल रहा था विवाद
मामला विराटनगर इलाके के लीला का बास की ढाणी का है। घटना तो कुछ दिन पुरानी बताई जा रही है। हालांकि इसकी वीडियो अब सामने आई, जिसके बाद ये मामला सुर्खियों में है। गांव की रहने वाली 80 साल की एक वृद्ध महिला का 3 मई को निधन हो गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भूरा देवी नाम की महिला के सात बेटों में से 6 गांव में साथ रहते हैं, जबकि ओमप्रकाश नाम का एक बेटा अलग रहता है। ओमप्रकाश और उसके भाइयों के बीच काफी समय से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था।
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श्मशान घाट पर हुआ भारी हंगामा
खबरों के अनुसार ग्रामीणों ने मामले को लेकर बताया कि महिला के निधन के बाद पहले घर पर रस्में की गई। इसके बाद परिजनों ने उनके चांदी के कड़े और दूसरे गहने उतारकर सबसे बड़े बेटे को सौंप दिए। इसके बाद उनकी अर्थी को श्मशान घाट ले जाया गया।
पहले तो ओमप्रकाश ने भी मां की अर्थी को भी कंधा दिया, लेकिन फिर श्मशान घाट में उसने हंगामा शुरू कर दिया। बेटे ने मांग की कि पहले उसे मां के चांदी के कड़े और गहने लाकर दिए जाए। ऐसा न करने पर वह वहां बनाई गई चिता पर ही लेट गया।
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श्मशान घाट पर ही लाकर दिए गए मां के गहने
इस दौरान परिवार के लोगों और ग्रामीणों ने उसे समझाने की काफी कोशिशें की। बावजूद उसने किसी की एक न सुनी। इस दौरान करीब 2 घंटे तक हंगामा होता रहा। बाद में आखिरकार ओमप्रकाश को श्मशान घाट पर ही मां के गहने लाकर दिए गए। इसके बाद वो चिता से हटा और महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 16 May 2025 at 11:02 IST