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Published 13:55 IST, September 25th 2024

लड्डू मुद्दे पर एसआईटी जांच अपर्याप्त, उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच हो: YSRCP नेता

वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता अंबाती रामबाबू ने कहा कि तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में कथित मिलावट मामले में मुख्यमंत्री के आदेश पर एसआईटी की जांच अपर्याप्त है।

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Tirupati Laddoos Controversy
Tirupati Laddoos Controversy Explained: Who Said What, Where Ghee Supplied From | Image: X

Tirupati Temple: युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने मंगलवार को कहा कि तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में कथित मिलावट मामले में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के आदेश पर विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच अपर्याप्त है और उन्होंने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की।

नायडू ने रविवार को पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित मिलावट की जांच के लिए महानिरीक्षक (आईजी) रैंक या उच्च कैडर के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी जांच का आदेश दिया था।

जांच का आदेश देने का फैसला हास्यास्पद…

रामबाबू ने पत्रकार वार्ता में कहा, ‘‘डीआईजी (आईजी) के माध्यम से जांच का आदेश देने का मुख्यमंत्री का फैसला हास्यास्पद और अपर्याप्त है... एसआईटी जांच अपर्याप्त है, इस मुद्दे की जांच उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के तहत की जानी चाहिए।’’

इससे पहले पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी ने हाल ही में लड्डू विवाद को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। पी. सुधाकर रेड्डी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष वाई. वी. सुब्बा रेड्डी के अधिवक्ता हैं। सुब्बा रेड्डी ने इस मुद्दे के लिए उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच, या न्यायालय द्वारा समिति का गठन करने या फिर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच इन तीन विकल्पों में से किसी एक की मांग की है।

मुख्यमंत्री ने निराधार आरोप लगाए- रामबाबू 

रामबाबू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निराधार आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब नायडू के माता-पिता का निधन हुआ तो उन्होंने बुनियादी हिंदू रीति-रिवाजों का पालन नहीं किया। कथित लड्डू अपवित्रता को लेकर भगवान वेंकटेश्वर को प्रसन्न करने के लिए उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की 11 दिनों की तपस्या के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए रामबाबू ने जनसेना के संस्थापक से पूछा कि जब तेदेपा शासन के दौरान कथित तौर पर मंदिरों को ध्वस्त किया गया था, तब कोई हंगामा क्यों नहीं हुआ था।

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Updated 13:55 IST, September 25th 2024