अपडेटेड 17 August 2025 at 00:02 IST

'यूं ही चला चल राही...', अंतरिक्ष से लौटने के बाद पहली बार भारत आ रहे शुभांशु शुक्ला, खुद पोस्‍ट शेयर कर दी पूरी जानकारी

Shubhanshu Shukla: शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना (IAF) की लड़ाकू स्ट्रीम में नियुक्त किया गया था। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक परीक्षण पायलट हैं जिनके पास 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है।

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Shubhnshu Shukla
शुभांशु शुक्ला | Image: Shubhnshu Shukla/X

Shubhanshu Shukla: भारत के अंतरिक्ष यात्री और वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला नासा के Axiom4 Mission के तहत बीते दिनों International Space Station (ISS) गए थे। वे 25 जून को अपने साथियों के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरे थे और वहां 18 दिनों तक रहकर, विभिन्न रिसर्च को करके वापस धरती पर 15 जुलाई को लौटे थे। अंतरिक्ष से धरती पर सकुशल आने पर शुभांशु शुक्ला और उनके अन्य साथियों का भव्य स्वागत किया गया था। अब एक बार फिर से उनके स्वागत की खबर सामने आ रही है।

जी हां, अंतरिक्ष से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला अमेरिका से पहली बार अपने देश भारत आ रहे हैं। वे स्वदेश के लिए फ्लाइट पकड़ चुके हैं और रविवार को वे अपने देश पहुंच जाएंगे। भारत के लिए उड़ान भरने की जानकारी खुद शुभांशु शुक्ला ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दी है। एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा है, "भारत वापस आने के लिए विमान में बैठते ही मेरे दिल में कई तरह की भावनाएं उमड़ रही हैं।" यहां बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इनकी भारत वापसी को लेकर 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से खास जानकारी दी थी।


Shubhanshu Shukla:  "यूँ ही चला चल राही - जीवन गाड़ी है समय पहिया" 

शुभांशु शुक्ला ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा है, "भारत वापस आने के लिए विमान में बैठते ही मेरे दिल में कई तरह की भावनाएं उमड़ रही हैं। मुझे उन शानदार लोगों को पीछे छोड़कर जाने का दुख है जो इस मिशन के दौरान पिछले एक साल से मेरे दोस्त और परिवार थे। मैं मिशन के बाद पहली बार अपने सभी दोस्तों, परिवार और देश के सभी लोगों से मिलने के लिए भी उत्साहित हूं। मुझे लगता है ज़िंदगी यही है - सब कुछ एक साथ।"

उन्होंने आगे लिखा, "मिशन के दौरान और बाद में सभी से मिले अविश्वसनीय प्यार और समर्थन के बाद, मैं आप सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए भारत वापस आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। अलविदा कहना मुश्किल है, लेकिन हमें जिंदगी में आगे बढ़ते रहना चाहिए। जैसा कि मेरी कमांडर @astro_peggy बड़े प्यार से कहती हैं, "अंतरिक्ष उड़ान में एकमात्र स्थिर चीज़ बदलाव है"। मेरा मानना है कि यह बात जिंदगी पर भी लागू होती है। मुझे लगता है कि आखिरकार - "यूँ ही चला चल राही - जीवन गाड़ी है समय पहिया""

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हमारे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला... भारत भी आ रहे हैं। - पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में शुभांशु शुक्ला का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, "स्पेस सेक्टर का कमाल तो हर देशवासी देख रहा है, गर्व से भरा जा रहा है। और हमारे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से लौट चुके हैं और आने वाले कुछ दिनों में वो भारत भी आ रहे हैं।" 

पीएम मोदी ने आगे कहा था, “ हम स्पेस में भी अपने दम पर आत्मनिर्भर भारत गगनयान की तैयारी कर रहे हैं। हम अपने बलबूते पर हमारा अपना स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। और पिछले दिनों स्पेस में जो रिफॉर्म किए गए, मुझे बहुत गर्व हो रहा है, मेरे देश के 300 से ज्यादा स्टार्टअप्स अब सिर्फ और सिर्फ स्पेस सेक्टर में काम कर रहे हैं और उन 300 स्टार्टअप्स में हजारों नौजवान पूरे सामर्थ्य के साथ जुटे हैं। ये है मेरे देश के नौजवानों की ताकत और ये है हमारा हमारे देश के नौजवानों के प्रति विश्वास।”

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कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना (IAF) की लड़ाकू स्ट्रीम में नियुक्त किया गया था। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक परीक्षण पायलट हैं जिनके पास 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने Sukhoi-30MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier, और An-32, समेत कई तरह के विमान उड़ाए हैं। 

लखनऊ के भारतीय वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के ऐतिहासिक 1984 मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे जेट विमानों पर 2,000 से अधिक उड़ान घंटों के अनुभव के साथ, शुक्ला Axiom4 Mission में पायलट के रूप में काम संभाल रहे थे। 
 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 16 August 2025 at 19:50 IST