अपडेटेड 2 July 2024 at 11:51 IST

महाराष्ट्र: शिवसेना नेता की हत्या के मामले में अदालत ने दी बॉडीगार्ड को जमानत

मुंबई पुलिस द्वारा आरोपपत्र दायर करने के बाद यह दूसरा मौका था जब सिंह ने जमानत याचिका दायर की।

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Court | Image: Unsplash

मुंबई की एक अदालत ने व्यवसायी मौरिस नोरोन्हा के अंगरक्षक को जमानत दे दी है, जिसकी पिस्तौल का पांच माह पहले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अभिषेक घोसालकर की हत्या में कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था। अदालत ने यह भी कहा कि अपराध में नोरोन्हा की संलिप्तता पर ‘‘अत्यधिक संदेह’’ है।

अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश वी.एम. पठाडे ने 26 जून को आरोपी अंगरक्षक अमरेन्द्र सिंह की जमानत याचिका मंजूर कर ली। इस आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई जिसमें कहा गया है कि पुलिस द्वारा जुटाई गई किसी भी सामग्री से शिवसेना (यूबीटी) नेता और नोरोन्हा की मौत में सिंह की संलिप्तता साबित नहीं होती है। नोरोन्हा ने फरवरी में मुंबई के बोरीवली इलाके में ‘फेसबुक लाइव’ के दौरान घोसालकर की कथित तौर पर हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली थी।

मुंबई पुलिस द्वारा आरोपपत्र दायर करने के बाद यह दूसरा मौका था जब सिंह ने जमानत याचिका दायर की। अपनी याचिका में नोरोन्हा के अंगरक्षक ने राहत देने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि पुलिस के दस्तावेज में यह नहीं कहा गया है कि उसने अपराध के लिए कोई साजिश रची थी।

शिवसेना (यूबीटी) नेता की हत्या के बाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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फैसले में जज ने क्या कहा

जमानत आदेश में कहा गया कि प्राथमिकी से ऐसा प्रतीत नहीं होता कि घटना के समय पर सिंह अपराध स्थल पर मौजूद था। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ऐसी कोई स्वीकार्य सामग्री नहीं है जो घटनास्थल पर या उसके पास आरोपी की मौजूदगी साबित करे जिससे यह अनुमान लगाया गया कि घोसालकर और मौरिस नोरोन्हा की मौत की घटना में उसकी संलिप्तता थी।’’ अदालत ने कहा कि अगर सिंह घोसालकर की हत्या की किसी आपराधिक साजिश में शामिल था तो मुंबई के व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता नोरोन्हा की मौत नहीं हुई होती।

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‘फेसबुक लाइव’ के दौरान घोसालकर की हुई थी हत्या

अदालत ने कहा कि सिंह साढ़े चार महीने से अधिक समय से हिरासत में है और ‘‘आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत अपराध में उसकी संलिप्तता पर अत्यधिक संदेह है।’’ नोरोन्हा ने फरवरी में ‘फेसबुक लाइव’ के दौरान घोसालकर की गोली मारकर हत्या कर दी थी और फिर खुद को भी गोली मार ली थी। 

कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे नोरोन्हा को दुष्कर्म के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह करीब पांच महीने जेल में रहा था। घटना के बाद उसकी पत्नी ने पुलिस को बताया कि घोसालकर (40) और नोरोन्हा के बीच झगड़ा चल रहा था। नोरोन्हा को संदेह था कि घोसालकर ने उसे दुष्कर्म के मामले में फंसाया है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 2 July 2024 at 11:51 IST