अपडेटेड 6 August 2024 at 22:54 IST
नमामि गंगे मिशन का दूसरे चरण, UP और बिहार में 920 करोड़ रुपये की चार परियोजनाएं पूरी
कुल 920 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार इन परियोजनाओं के जरिये 145 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) मलजल शोधन क्षमता बढ़ेगी।
- भारत
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Namami Gange Mission-II: सरकार ने ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम 2.0 के तहत चार प्रमुख परियोजनाएं पूरी कर ली हैं और उनका संचालन शुरू कर दिया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के आसपास शुरू की गई यह पहल प्रदूषण रोकने और नदी की पारिस्थितिक स्थिति में सुधार करने के लिए चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कुल 920 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार इन परियोजनाओं के जरिये 145 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) मलजल शोधन क्षमता बढ़ेगी, सीवर नेटवर्क में वृद्धि होगी तथा अनेक नालों को बीच में ही रोक दिया जाएगा।
जल शक्ति मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा निर्धारित कड़े उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए इन प्रयासों से गंगा और उसकी सहायक नदियों के जल की गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार होने की उम्मीद है।
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बिहार के मुंगेर में 366 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य सीवर नेटवर्क में सुधार करना और 30 एमएलडी क्षमता वाला मलजल शोधन संयंत्र (एसटीपी) स्थापित करना है। इस व्यापक पहल में 175 किलोमीटर सीवर नेटवर्क का विकास शामिल है।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में 129 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना गंगा में प्रदूषण कम करने के लिए मलजल को रोकने, उसकी दिशा को मोड़ने और उसका शोधन करने पर केंद्रित है। अब चालू हो चुकी इस पहल के तहत नौ नालों को रोका गया है।
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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में अब 153 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से मलजल को रोकने, उसकी दिशा को मोड़ने और उसका शोधन करने की परियोजना शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश के बरेली में 271 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मलजल को रोकने, उसकी दिशा मोड़ने और मलजल शोधन कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना स्थापित की गई है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 6 August 2024 at 22:54 IST