अपडेटेड 21 November 2025 at 18:32 IST
"मुझे बहुत दुख है कि..." स्कूलों में उत्पीड़न नहीं झेल पाए छात्र, 4 शहरों में 4 स्टूडेंट्स ने की खुदकुशी; छोड़ गए समाज के सामने कई सवाल
हाल ही में रीवा, जयपुर, दिल्ली और महाराष्ट्र के जालना में छात्रों ने कथित तौर पर स्कूल की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करली। ये हादसे बताते हैं कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। बच्चों की मानसिक सेहत को प्राथमिकता देकर ही हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।
- भारत
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Student suicide cases India : हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से छात्रों की आत्महत्याओं की खबरें आ रही हैं, जो शिक्षा प्रणाली में व्याप्त उत्पीड़न और लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठाते हैं। पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश के रीवा, राजस्थान के जयपुर, राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र के जालना में 4 छात्रों ने कथित तौर पर स्कूल में हुई मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के कारण अपनी जान दे दी। ये घटनाएं न केवल परिवारों, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर करती हैं
रीवा में टॉर्चर का आरोप
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सेमरिया स्थित एक स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 11वीं की एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके कमरे से मिले एक लिखित नोट में उसने अपने टीचर पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा कि टीचर मारते समय उसके हाथ को कसकर पकड़ा, मुट्ठी बंद कर चुनौती दी और उंगलियों के बीच पेन दबाकर दर्द दिया।
परिवार का कहना है कि छात्रा घर पर हमेशा खुशमिजाज रहती थी और कोई पारिवारिक समस्या नहीं थी। स्कूल में उसे अत्यधिक टॉर्चर किया जा रहा था, जिसके कारण वह मानसिक रूप से टूट गई थी। पुलिस ने सुसाइड नोट को सबूत के तौर पर जब्त कर लिया है और आरोपी शिक्षक सहित स्कूल स्टाफ से पूछताछ की तैयारी कर रही है।
जयपुर में दोस्तों ने किया बुलिंग
राजस्थान के जयपुर में 1 नवंबर को एक प्राइवेट स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर 9 साल की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। परिवार के अनुसार लंबे समय से बच्ची को लगातार बुलिंग किया जा रहा था। आरोप है कि दूसरे छात्र उसकी डिजिटल स्लेट पर अपमानजनक टिप्पणियां लिखते थे, जिसकी शिकायत उसने घटना वाले दिन ही अपनी टीचर से 45 मिनट में 5 बार शिकायत की थी, लेकिन टीचर ने कोई ध्यान नहीं दिया और न ही छात्रा को रेलिंग तक पहुंचने से रोका।
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CCTV फुटेज में यह साफ दिखा कि स्कूल में निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूल का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कई उल्लंघनों का जिक्र है, जैसे काउंसलर की कमी, कम सीसीटीवी कवरेज और सुरक्षा प्रोटोकॉल का अभाव। बोर्ड ने स्कूल को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। पीड़ित मां और चाचा अब न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ का भी आरोप लगा रहे हैं। रिपब्लिक के साथ बात करते हुए छात्रा के चाचा साहिल ने कहा,
"हमें अभी भी नहीं पता कि उसने आत्महत्या क्यों की।"
दिल्ली में 16 साल के छात्र ने दी जान
दिल्ली के राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन पर एक 16 साल छात्र ने आत्महत्या कर ली। उसके सुसाइड नोट में चार शिक्षकों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। छात्र के पिता ने भावुक होकर बताया कि उनका बेटा शर्मीले स्वभाव का था, सपनों में एक्टर-डांसर बनने का ख्वाब देखता था। पिता ने स्कूल कोऑर्डिनेटर पर प्रधानाचार्य की मौजूदगी में लगातार उत्पीड़न का आरोप लगाया, जिसकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। 2019 में एक छात्र को उत्पीड़न झेलना पड़ा था।
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इस मामले में शिक्षा निदेशालय ने जांच के लिए समिति गठित की है। पुलिस जांच के दौरान छात्र के स्कूल बैग से पुलिस को एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। नोट में लिखा है,
"मुझे बहुत दुख है कि मैंने यह कदम उठाया, लेकिन स्कूल वालों ने इतना कुछ कहा कि मुझे करना पड़ा।" सुसाइड नोट में छात्र ने अपने परिवार से माफी मांगी और अपनी अंतिम इच्छा के रूप में कहा, "स्कूल की टीचर्स युक्ति मैम, पाल मैम, मनु कालरा पर एक्शन लें। मैं चाहता हूं कि कोई और बच्चा मेरी तरह कुछ न करे।"
महाराष्ट्र के 13 साल की बच्ची ने दी जान
ऐसा ही एक मामला शुक्रवार (21 नवंबर) को महाराष्ट्र के जालना से भी सामने आया है। यहां 13 साल की बच्ची ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर खुदकुशी करली, बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। आरोप है कि बच्ची की पढ़ाई को लेकर टीचर ने घरवालों को बुलाया था, जिसके बाद बच्ची ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी। पुलिस खुदकुशी की वजह जानने के जांच कर रही है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 21 November 2025 at 18:32 IST