अपडेटेड 26 April 2024 at 17:49 IST

EVM-VVPAT पर SC की दो टूक- बैलेट पर वापसी का सवाल ही नहीं, अपनी टिप्पणी से विपक्ष को दिखाया आईना

EVM-VVPAT Case: EVM-VVPAT मामले में अब कोर्ट ने भी विपक्ष को लताड़ लगा दी है।

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EVM-VVPAT Verification issue
EVM-VVPAT पर SC की दो टूक | Image: ANI/PTI

EVM-VVPAT Case: EVM-VVPAT मामले में अब कोर्ट ने भी विपक्ष को लताड़ लगा दी है। कोर्ट ने ऐसी टिप्पणी कर दी है जिससे विपक्ष की बोलती बंद हो जाएगी।

क्या बोले जस्टिस दीपांकर दत्ता?

जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा- ' पिछले सालों में एक ट्रेंड सामने आया है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व देश की उपलब्धियों को कमजोर करने/उसे कमतर आंकने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। ये उपलब्धियां इस देश ने अपने नागरिकों की कड़ी मेहनत, ईमानदार प्रयासों के दम पर हासिल की है, लेकिन कुछ तत्त्वों द्वारा देश की प्रगति को खत्म करने, कमजोर करने की लगातार कोशिश हो रही है। कोई भी अदालत इसकी इजाजत नहीं देगी। मुझे इस मामले में याचिकाकर्ता संगठन की नीयत पर शक है। इस संगठन की पुरानी कोशिशों के चलते चुनाव प्रकिया में कुछ सुधार भी हुए हैं पर इस बार उनकी मांग समझ से परे है। मतदान के लिए बैलट पेपर पर दुबारा जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।'

कोर्ट ने फैसले में और क्या कहा?

कोर्ट ने फैसले में कहा है कि ईवीएम पर संदेह जताते हुए याचिकाएं पहले भी SC में दायर होती रही है। अब इस मुद्दे पर हमेशा के लिए विराम लग जाना चाहिएआगे चलकर, जब तक EVM के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत न हो, मौजूदा व्यवस्था निरंतर सुधार के साथ लागू रहनी चाहिए। मतदान के लिए  EVM के बजाए बैलट पेपर या फिर कोई दूसरा पीछे ले जाने वाली व्यवस्था को अपनाना (जो देशवासियों के हितों की सुरक्षा न कर सके) उससे बचा जाना चाहिए।

आपको बता दें कि मतपत्र से मतदान की प्रक्रिया की वापसी का अनुरोध करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय से खारिज होने के बाद निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने रेखांकित किया कि कम से कम 40 मौकों पर संवैधानिक अदालतों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की हैं। पदाधिकारियों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार की उस टिप्पणी को भी रेखांकित किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ईवीएम ‘शत प्रतिशत सुरक्षित है’ और राजनीतिक दल भी ‘दिल की गहराई से जानते हैं’ की मशीन सही है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 26 April 2024 at 17:46 IST