पब्लिश्ड 12:47 IST, February 4th 2025
विदेशी नागरिकों को नहीं भेजने पर न्यायालय ने असम सरकार से पूछा- क्या किसी ‘मुहुर्त’ का इंतजार है
उच्चतम न्यायालय ने विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित करने के बजाय अनिश्चित काल तक निरुद्ध केंद्रों में रखने को लेकर असम सरकार को मंगलवार को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की, ‘‘क्या आप किसी मुहुर्त का इंतजार कर रहे हैं।

उच्चतम न्यायालय ने विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित करने के बजाय अनिश्चित काल तक निरुद्ध केंद्रों में रखने को लेकर असम सरकार को मंगलवार को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की, ‘‘क्या आप किसी मुहुर्त का इंतजार कर रहे हैं।’’ न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों के विदेशी होने की पुष्टि होते ही उन्हें तत्काल निर्वासित कर दिया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, ‘‘आपने यह कहकर निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करने से इनकार कर दिया कि उनके पते ज्ञात नहीं हैं। यह हमारी चिंता क्यों होनी चाहिए? आप उन्हें उनके देश भेज दें। क्या आप किसी मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं?’’ पीठ ने असम सरकार की ओर से पेश वकील से कहा, ‘‘जब आप किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करते हैं, तो आपको अगला तार्किक कदम उठाना पड़ता है। आप उन्हें अनंत काल तक निरुद्ध केंद्र में नहीं रख सकते।
कोर्ट ने सरकार को क्या कहा?
संविधान का अनुच्छेद 21 मौजूद है। असम में विदेशियों के लिए कई निरुद्ध केंद्र हैं। आपने कितने लोगों को निर्वासित किया है?’’शीर्ष अदालत ने असम सरकार को निर्देश दिया कि वह निरुद्ध केंद्रों में रखे गए 63 लोगों को दो सप्ताह के भीतर निर्वासित करना शुरू करे और अनुपालन हलफनामा दाखिल करे। पीठ ने असम में विदेशी घोषित किए गए लोगों के निर्वासन और निरुद्ध केंद्रों में सुविधाओं से संबंधित याचिका पर सुनवाई की।
अपडेटेड 12:47 IST, February 4th 2025