Published 18:53 IST, October 21st 2024
Sanjauli Mosque Row: वक्फ बोर्ड से अनुमति के बाद तीन मंजिलों को गिराने का काम शुरू
शिमला में विवादित संजौली मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने का काम सोमवार को शुरू हो गया। मस्जिद की प्रबंध समिति के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने बताया कि वक्फ बोर्ड की अनुमति के बाद यह कदम उठाया गया है।
शिमला में विवादित संजौली मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने का काम सोमवार को शुरू हो गया। मस्जिद की प्रबंध समिति के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने बताया कि वक्फ बोर्ड की अनुमति के बाद यह कदम उठाया गया है। लतीफ ने सोमवार शाम ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद की छत को हटाने के साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो गई। उन्होंने कहा,‘‘वक्फ बोर्ड ने हमें अनुमति दे दी, जिसके बाद मजदूरों को बुलाया गया और आज छत हटाने का काम शुरू हो गया।’’
लतीफ ने संवाददाताओं को बताया कि निगम आयुक्त (एमसी) अदालत का पांच अक्टूबर का आदेश प्राप्त होने के बाद इसकी सूचना वक्फ बोर्ड को दे दी गई। एमसी अदालत के आदेश में वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष को पांच मंजिला विवादित ढांचे की तीन मंजिलों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया था।एमसी अदालत के आदेश के मुताबिक वक्फ बोर्ड और मस्जिद समिति के अध्यक्ष को दो महीने में मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को अपने खर्च पर गिराना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय मदद मुख्य मुद्दा है क्योंकि न तो जनता और न ही सरकार ढांचे को ध्वस्त करने के लिए धन देगी और मस्जिद समिति को अपने सीमित संसाधनों से खर्च वहन करना होगा।’’
मुस्लिम समुदाय के लोग शांति बनाए रखने की अपील
लतीफ उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जिसने 12 सितंबर को मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने की पेशकश करते हुए ज्ञापन सौंपा था। इससे एक दिन पहले संजौली क्षेत्र में मस्जिद के एक हिस्से को ध्वस्त करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में 10 लोग घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह शायद प्रदेश में पहला ऐसा उदाहरण है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग शांति बनाए रखने के लिए खुद ही मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को गिराने के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि यहां सभी धर्मों के लोग सम्मान के साथ रहते हैं और उन्हें हिमाचल प्रदेश में काम करने का अधिकार है।
राज्य के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने संजौली मस्जिद समिति द्वारा मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को गिराने की प्रक्रिया शुरू करने के कदम का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘निगम आयुक्त की अदालत के फैसले का पालन करना और अनधिकृत हिस्सों को स्वेच्छा से गिराना मस्जिद समिति की ओर से एक अच्छा कदम है।’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस कदम से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और राज्य की अच्छी छवि पेश करने में मदद मिलेगी, जो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आवश्यक है, क्योंकि पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।
विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा?
सिंह ने कहा, ‘‘सरकार 70 लाख लोगों के प्रति सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है और यह सुनिश्चित करती है कि सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली किसी भी गतिविधि की अनुमति न दी जाए।’’ उन्होंने कहा कि मस्जिद समिति की यह कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब लतीफ से ऑल हिमाचल मुस्लिम्स आर्गेनाइजेशन (एएचएमओ) द्वारा आदेश को अपीली प्राधिकरण की अदालत में चुनौती देने तथा मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाने की घोषणा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को भी अदालत जाने से नहीं रोक सकते, लेकिन हमने राज्य में शांति और भाईचारा सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की पेशकश करने का बड़ा फैसला किया है और हम अपने रुख पर कायम हैं।’’
इससे पहले, एएचएमओ के राज्य प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने एक बयान में कहा था कि जिन लोगों ने आवेदन दिया है, उनके पास ऐसा कोई भी आवेदन देने का अधिकार नहीं है और एमसी कोर्ट द्वारा पारित आदेश तथ्यों के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है, मस्जिद 125 साल पुरानी है और इसकी मंजिलें अवैध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नक्शों की मंजूरी अधिकारियों के पास लंबित है, इसके बावजूद एमसी कोर्ट ने मंजिलों को गिराने का आदेश दिया।
Updated 18:53 IST, October 21st 2024