अपडेटेड 21 February 2024 at 19:47 IST

'संदेशखाली में ममता नहीं शाहजहां शेख की सरकार चलती है, वहां हिंदू महिलाओं के साथ यौन शोषण की छूट थी'

SandeshKhali News: संदेशखाली की घटना को लेकर VHP नेता आलोक कुमार ने ममता सरकार पर बड़ा बयान दिया है।

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Ram mandir ayodhya vhp president alok kumar
Ram mandir पर सियासत को लेकर विपक्ष को VHP अध्यक्ष Alok Kumar का जवाब | Image: PTI

अखिलेश राय

Delhi News: संदेशखाली की घटना को लेकर VHP नेता आलोक कुमार ने ममता सरकार पर बड़ा बयान दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से वहां की सत्ताधारी पार्टी और मुस्लिम गुंडा-तत्वों के गठजोड़ की गंभीर खबरें आ रही हैं। विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि संदेशखाली की बर्बरता और उसको मिले राज्य सरकार के संरक्षण, समर्थन और प्रश्रय ने स्पष्ट कर दिया है कि वहां अब संविधान का नहीं, अराजकता व बर्बरता का साम्राज्य है। इसलिए पीड़ितों को न्याय तथा अराजकता पर अंकुश लगाने के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।  

आलोक कुमार ने दिया बड़ा बयान

आलोक कुमार ने कहा- 'ज्ञातव्य हो कि 4-5 जनवरी 2024 के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम पर 24 परगना के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां के यहां पीडीएस स्कैम के विषय में जांच करने गई थी। यह जांच करना उनका कर्तव्य था और यह जांच पूर्णरूप से कानून के अनुसार हो रही थी, पर जांच के दौरान वहां सत्ताधारी पार्टी के सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए, नारे लगाए, ईडी की कारों में तोड़फोड़ की गई। जांच कर रहे अफसरों का सामान छीन लिया गया और उसमें से तीन लोग इतने गंभीर रूप से घायल हो गए कि उनको तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।'

उन्होंने आगे कहा- 'विहिप कार्याध्यक्ष के अनुसार यह भारत की सत्ता को चुनौती थी। वहां के राज्यपाल और न्यायिक व्यवस्था ने भी इस पर चिंता व्यक्त की है। इस विषय पर जब आगे जांच की गई तो बड़े हृदयविदारक तथ्य सामने आए। पता चला कि शेख शाहजहां का संदेशखाली में राज चलता है, पुलिस या सरकार का नहीं। वह जबरन लोगों की जमीनों पर कब्जा करता है जिसका लोगों के पास कोई रास्ता नहीं होता। महिला आयोग व इसकी अध्यक्षा ने इस विषय की स्वयं जांच की है। वहां के हाईकोर्ट ने भी इस विषय की जांच की है और जांच के बाद यह सामने आया कि शाहजहां और उसके समर्थकों को वहां की महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और बलात्कार की खुली छूट थी। स्थिति इतनी भयावह थी कि पीड़ितों की FIR तक दर्ज नहीं होती थी।'

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आलोक कुमार ने कहा- 'यहां तक स्थिति यह हो गई थी कि उन लोगों को यदि कोई लड़की पसंद आती थी तो वह उस लड़की के परिवार को संदेश भेजते थे कि उस लड़की को पार्टी ऑफिस छोड़ जाओ। आतंक का मारा वह परिवार अपनी उस लड़की को वहां उनके पास छोड़ने जाता और अगला संदेश मिलने पर वापस लाता था।'

बंगाल में लागू हो राष्ट्रपति शासन

उन्होंने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्षा ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें महिला यौन शोषण से संबंधित 18 शिकायतें प्राप्त हुई है जिनमें से दो शिकायतें बलात्कार की हैं। यह 18 बहनें तो वह हैं जो इस शोषण के विरुद्ध सामने आई हैं। वहां के कोर्ट ने भी बार-बार यह पूछा है कि अपराधी जनवरी से अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए हैं। कोर्ट ने कहा है कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाली ये घटनाएं चिंताजनक है और शिकायतों पर सरकार और पुलिस द्वारा कार्यवाही न करना और भी चिंताजनक है। यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस राज्य की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला है वह महिलाओं के विरुद्ध हो रहे इन अपराधों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहीं। इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि जो महिलाएं और कार्यकर्ता इस विषय पर जब मुख्यमंत्री से बात करने गए तो उन्हें रोका गया।

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उन्होंने आगे कहा- 'अचंभित करने वाली बात यह है कि बजाय शाहजहां पर कार्यवाही करने के वहां की सरकार लगातार उसे बचाने के प्रयास में जुटी है। इस घटना का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अनुमति दी कि सुवेंदु अधिकारी और वृंदा करात वहां जाएं। जब सुवेंदु अधिकारी वहां गए तो महिलाएं बिलख बिलख कर अपनी पीड़ा बयान कर रहीं थीं। लंबे समय से बलात्कार, उत्पीड़न, गैंग-रेप तृणमूल की छाया में हुआ। दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी शाहजहां और उनके गुंडागर्दी का बचाव कर रही है। यह समय है कि ममता जी इस पर विचार करें कि क्या वहां कानून का शासन चल रहा है? क्या वहां की सरकार संविधान के अनुसार राज्य को चला पा रही है? आरोप इतने गंभीर हैं कि यह विचार करने का समय आ गया है कि बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।'

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 21 February 2024 at 19:47 IST