अपडेटेड 25 January 2025 at 15:45 IST

सनातन को भारत से अलग कर के नहीं देखा जा सकता, भारत को सनातनी राष्ट्र घोषित किया जाए- प्रमोद कृष्णम की हुंकार

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भारत की एकता के लिए जरूरी है कि भारत को सनातन राष्ट्र घोषित किया जाए। सनातन ऐसा धर्म है जिसका ओरिजिन भारत की भूमि पर हुआ है।

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Acharya Pramod Krishnam
Acharya Pramod Krishnam | Image: PTI

Acharya Pramod Krishnam: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सनातन धर्म को कमजोर करने के लिए हजारों साल से साजिश हो रही है। 800 साल मुगलों ने 200 साल अंग्रेजों ने राज किया, सनातन को खत्म करने की कोशिश की। भारत एक बार धर्म के नाम पर विभाजित हो चुका है उसका जख्म अभी भी है। भारत की एकता के लिए जरूरी है कि भारत को सनातन राष्ट्र घोषित किया जाए। सनातन ऐसा धर्म है जिसका ओरिजिन भारत की भूमि पर हुआ है। सनातन को भारत से अलग कर के नहीं देखा जा सकता। भारत के मठ मंदिर पर सनातन का संचालन हो, ताकि फिर कभी तिरुपति जैसी घटना ना घटे। विश्व हिन्दू परिषद और संतों की इस मांग से मैं सहमत हूं।  

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जहां चुनाव हो रहे हैं, हरियाणा में महाराष्ट्र में परिणाम दुनियां ने देखे, अब दिल्ली की जनता भी सोच समझ के फैसला लेगी। मुझे दिखता है सनातन का ध्वज लहरा रहा है, जो सरकार सनातन के प्रति समर्पित है उसकी सरकार बनेगी। मेरा ध्यान कल्कि धाम के निर्माण पर है, बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर बोले। बीजेपी ज्वाइन करूं ना करूं, मैंने भारत के प्रधानमंत्री को ज्वाइन कर लिया है।

भारत की संसद ही सर्वोत्तम है - आचार्य प्रमोद कृष्णम

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने धर्मविरोधियों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि धर्म सिर्फ परमात्मा की इच्छा से प्राप्त होता है और धर्म परिवर्तन करना भगवान की इच्छा के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि कई धार्मिक ग्रंथों में संभल का नाम आता है। भारत की भूमि पर किसी का भी अधिकार नहीं है, न तो ओवैसी का, न बाबर का और न ही तैमूर लंग का। उन्होंने कहा कि भारत की संसद ही सर्वोत्तम है और किसी भी बक्फ बोर्ड का गठन भारत की शक्तियों का दुरुपयोग है। आचार्य ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर बक्फ बोर्ड खत्म करने का फैसला लिया जाता है, तो वे उसका स्वागत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म का विरोध करने वाले नेताओं को समझ लेना चाहिए कि सनातन की उत्पत्ति भारत की भूमि से हुई है और इसे मिटाना संभव नहीं है।

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प्रेम के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लें- आचार्य प्रमोद कृष्णम

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, ‘संभल की पावन धरती से मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि हमें अपने सनातन धर्म के आदर्शों का पालन करना चाहिए। अपने कर्तव्यों को समझें और देश को एकता और प्रेम के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लें। हम सबकी ताकत हमारी सांस्कृतिक धरोहर में है।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 25 January 2025 at 15:45 IST