अपडेटेड 28 December 2024 at 12:47 IST
Sambhal History: सतयुग में सत्यव्रत, त्रेतायुग में महदगिरि और द्वापर में पिंगल का नाम कैसे पड़ा संभल? जानिए इतिहास
इन दिनों संभल की धरती से लगातार सनातन धर्म से जुड़े कई सबूत मिल रहे हैं। यहां से प्राचीन मंदिरों से लेकर बावड़ी और कूप मिल रहे हैं।
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History of Sambhal Name: संभल... वो शहर जो भले ही पिछले कुछ समय से विवादों की वजह से सुर्खियों में है, लेकिन इसका गौरवशाली इतिहास भी रहा है। हर युग में उत्तर प्रदेश के संभल जिले का जिक्र मिलता है। संभल को राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी भी कहा जाता है।
इन दिनों संभल की धरती से लगातार सनातन धर्म से जुड़े कई सबूत मिल रहे हैं। यहां से प्राचीन मंदिरों से लेकर बावड़ी और कूप मिल रहे हैं। संभल के डीएम ने बताया कि संभल के प्राचीन नक्शे को मिलाया जा रहा है। नक्शे के मुताबिक यहां 19 कूप, 68 तीर्थ और 52 सराय हैं। इन सभी को खोजा जाएगा।
हर युग से जुड़ा है संभल का इतिहास
संभल वो जगह है, जिसको लेकर मान्यता है कि यहीं भगवान विष्णु कल्कि के रूप में अवतार लेंगे। sambhal.nic.in वेबसाइट पर संभल से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक जानकारी मिलती है, जिसके बारे में हर किसी को मालूम नहीं होगा। संभल का इतिहास हर युग से जुड़ा है।
सतयुग-त्रेतायुग में इन नामों से जाना गया
वेबसाइट के मुताबिक सतयुग में इस जगह का नाम सत्यव्रत था। वहीं त्रेतायुग में इसे महदगिरि, द्वापर में पिंगल के नाम से जाना गया और कलयुग में इसका नाम संभल पड़ गया है। इसमें 68 तीर्थ और 19 कूप हैं। मान्यता है कि कलियुग में कल्कि अवतार शंबल नामक गांव में होगा।
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संभल पर कई शासकों और सम्राटों का राज रहा। 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16वीं शताब्दी तक संभल पर किसी न किसी सम्राट ने शासन किया। 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान संभल पंचाल शासकों का घर था और बाद में राजा अशोक के साम्राज्य का हिस्सा बना। यह प्राचीन शहर एक समय महान चौहान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी भी था।
वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पहले मुगल शासक बाबर ने संभल में पहली बाबरी मस्जिद बनवाई थी जिसे आज भी ऐतिहासिक स्मारक माना जाता है। बाद में उसने अपने बेटे हुमायूं को संभल का गवर्नर बनाया और हुमायूं ने बदले में अपने बेटे अकबर को शासन सौंप दिया।
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भीमगनर से नाम बदलकर रखा गया संभल
हाल के सालों में संभल का नाम बदला गया था। पहले इसे भीमनगर के नाम से जाना जाता था। साल 2011 में तत्कालीन CM मायावती ने भीमनगर जिले की घोषणा की थी। इसके बाद 23 जुलाई 2012 को भीमनगर का नाम बदलकर संभल किया गया।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 28 December 2024 at 12:47 IST