अपडेटेड 15 May 2025 at 17:43 IST

Boycott Turkey के बीच सपा नेता अबू आजमी ने छेड़ा अलग राग, कहा- मैं रिश्ते तोड़ने के खिलाफ हूं क्योंकि...

सपा नेता अबू आजमी ने कहा कि ये कहना कि सिर्फ तुर्किए और अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया ये गलत है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सरकार को तुर्किए और अजरबैजान से रिश्ते नहीं खराब करने चाहिए। दोनों ही तरफ से ट्रेड होता है।

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Samajwadi Party leader Abu Azmi
सपा नेता अबू आजमी | Image: X

Abu Azmi: पाकिस्तान के साथ बिगड़ी स्थिति ने भारत को लेकर तुर्किए के रुख को भी उजागर कर दिया। तुर्किए खुलकर पाकिस्तान के विरोध में रहा। इसका स्पष्ट मतलब है कि तुर्किए भारत का विरोधी देश है और कुछ यही स्थिति अजरबैजान की रही। पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव जरूर कम हुआ है, लेकिन भारत के भीतर तुर्किए और अजरबैजान के खिलाफ आक्रोश भड़क रहा है। हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के मुस्लिम विधायक अबू आजमी को इससे दर्द होने लगा है।

जब देश में तुर्किए से रिश्ते तोड़े जाने की शुरुआत हो चुकी है। लोग तुर्किए के सामानों का बहिष्कार करने की मांग उठा रहे हैं। उसी बीच अबू आजमी कह रहे हैं कि वो तुर्किए से रिश्ते तोड़ने के खिलाफ हैं। समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी कह रहे हैं कि अगर रिश्ते टूटते हैं तो जितना नुकसान तुर्की या अज़रबैजान का है उतना हमारा भी है।

अबू आजमी ने बयान में क्या कहा?

अपने बयान में सपा नेता अबू आजमी ने कहा- 'ये कहना कि सिर्फ तुर्किए और अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया ये गलत है। हमने तो अमेरिका के दबाव में घुटने टेक दिए। सीजफायर की घोषणा करने के लिए आपको अमेरिका का जरूरत पड़ी। इससे पहले गलवान में चीनी सेना से झड़प के बाद भी आप ने बैन की बात कही, कुछ कर पाए क्या? सरकार को समझना चाहिए और नीति बनानी चाहिए। इंदिरा गांधी , मनमोहन सिंह के सरकार के दौरान भी रिश्ते खराब हुए थे, लेकिन उन्होंने किसी देश से रिश्ते नहीं तोड़े।' सपा नेता ने आगे कहा- ‘मेरा मानना है कि सरकार को तुर्किए और अजरबैजान से रिश्ते नहीं खराब करने चाहिए। दोनों ही तरफ से ट्रेड होता है।’

भारत की यूनिवर्सिटी ने तुर्किए से MoU सस्पेंड किए

अबू आजमी जैसे नेताओं के बयानों ने इतर देश में Boycott Turkey की आवाज बुलंद हो रही है। इसमें दिल्ली की प्रमुख यूनिवर्सिटीज शामिल हैं, जिन्होंने तुर्किए के साथ अपने एमओयू रद्द कर दिए।  जेएनयू के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया ने तुर्किए सरकार से जुड़े सभी एजुकेशनल संस्थानों से किए गए MOU को सस्पेंड किया। जामिया की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर साइमा सईद ने कहा कि हमने तुर्किए के किसी भी शैक्षणिक संस्थान और किसी भी अन्य तुर्किए संस्थान के साथ सभी सहयोग को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया है। हम सरकार और राष्ट्र के साथ खड़े हैं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 15 May 2025 at 17:43 IST