अपडेटेड 27 February 2025 at 19:28 IST

Pune Rape Case: 'हर महीने 1,500 रुपये देकर क्या आपने महिलाओं का आत्म सम्मान खरीद लिया है'

बस के अंदर 26 वर्षीय महिला से बलात्कार करने के आरोपी कुख्यात बदमाश की गिरफ्तारी में मदद के लिए सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की।

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Pune Praked Bus Rape Case
रेप के आरोपी पर एक लाख का इनाम | Image: Canva/Republic

Pune Rape Case:  पुणे पुलिस ने स्वारगेट बस अड्डे पर राज्य परिवहन की एक बस के अंदर 26 वर्षीय महिला से बलात्कार करने के आरोपी कुख्यात बदमाश की गिरफ्तारी में मदद के लिए सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने इस अपराध की तुलना 2012 में दिल्ली में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना से की और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर जिला संरक्षक मंत्री अजित पवार पर निशाना साधा। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे (37) की तलाश में पुलिस की 13 टीम जुटी हुई है। वह मंगलवार की सुबह हुई घटना के बाद से फरार है।

सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम

पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उसके बारे में सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि गाडे के बारे में सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। गाडे के खिलाफ पुणे और पास के अहिल्यानगर जिले में चोरी, डकैती और चेन झपटमारी के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं और वह इनमें से एक अपराध में 2019 से जमानत पर बाहर है। पुणे शहर में स्वारगेट महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के सबसे बड़े बस डिपो में से एक है।

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अड्डा परिसर में महिला से बलात्कार

पीड़िता के अनुसार, जब वह मंगलवार सुबह करीब पांच बजकर 45 मिनट पर एक स्टैंड पर सतारा जिले के फलटण के लिए बस का इंतजार कर रही थी, तभी एक व्यक्ति उसके पास आया और उसे ‘दीदी’ कहकर संबोधित किया। पीड़िता ने बताया कि व्यक्ति ने उसे बातचीत में उलझा लिया और कहा कि सतारा के लिए बस दूसरे स्टैंड पर आ गई है।

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वह उसे बस अड्डा परिसर में ही खड़ी खाली ‘शिव शाही’ एसी बस में ले गया। बस के अंदर लाइट नहीं जली थीं, इसलिए महिला पहले तो बस में चढ़ने से हिचकिचाई, लेकिन व्यक्ति ने उसे यकीन दिलाया कि यही सही बस है। मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाली महिला ने पुलिस को बताया कि इसके बाद वह उसके पीछे पीछे बस के अंदर गया और उससे बलात्कार कर वहां से भाग गया।

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने 15 अप्रैल, 2025 से पहले एमएसआरटीसी डिपो में खड़ी सभी कबाड़ बसों और अन्य वाहनों के निपटान की घोषणा की।

स्वारगेट बलात्कार मामले के मद्देनजर एमएसआरटीसी की बसों और उसके परिसर की सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद ‘मंत्रालय’ (राज्य सचिवालय) में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सरनाईक ने यह भी कहा कि किराए पर ली गई बसों सहित लगभग 15,000 बसों में जीपीएस, पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मंत्री ने एमएसआरटीसी में सुरक्षा और सतर्कता अधिकारी के रिक्त पद के लिए एक आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति की भी मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एमएसआरटीसी में लगभग 2,700 सुरक्षा गार्ड हैं, जिन्हें विभिन्न सुरक्षा बोर्ड के माध्यम से नियुक्त किया जाता है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है, इसलिए 15-20 और महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती की जाएगी।

पुणे के मध्य में हुई इस चौंकाने वाली घटना से हंगामा मच गया और विपक्ष ने महिला सुरक्षा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की।

महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध में भारी वृद्धि हुई- संजय राउत

राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध में भारी वृद्धि हुई है। संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा कि अगर राज्य में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी की सरकार होती तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला नेता अब तक राज्य मुख्यालय ‘मंत्रालय’ के बाहर हंगामा कर रही होतीं। राउत ने महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता की भाजपा नीत सरकार की लाडकी बहिन योजना का जिक्र करते हुए पूछा, “हर महीने 1,500 रुपये देकर क्या आपने महिलाओं का आत्मसम्मान खरीद लिया है?”

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री अजित पवार से जवाब मांगना चाहिए जो पुणे के संरक्षक मंत्री भी हैं।

शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा, “यह दिल्ली के निर्भया कांड जैसा है। सौभाग्य से, महिला बच गई (इस मामले में)।”

दिल्ली में 2012 में फिजियोथैरेपी की 23 वर्षीय छात्रा, जिसे बाद में ‘निर्भया’ कहा जाने लगा, के साथ दिल्ली में एक बस में सामूहिक बलात्कार किया गया। बाद में उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।

राउत ने कहा कि पुणे में कुख्यात बदमाशों को कानून का कोई डर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह विभाग का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों और राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए किया जा रहा है और “यह राज्य के लिए बहुत बड़ा उपकार होगा यदि गृह विभाग का इस्तेमाल “लाडकी बहनों’ की सुरक्षा के लिए किया जाए।”

घटना को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय” - एकनाथ शिंदे

इस बीच, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुणे की घटना को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय” करार दिया। उन्होंने कहा, “मैंने पुणे पुलिस आयुक्त से बात की है और उन्हें आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि उन्हें मृत्युदंड मिले।”

शिंदे ने कहा, ‘‘परिवहन मंत्री ने घटना के बाद (स्वारगेट पर) सुरक्षा गार्डों को बर्खास्त कर दिया है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और एमएसआरटीसी द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

इस बीच, यह बात सामने आई है कि अपराध से ठीक तीन दिन पहले स्वारगेट बस अड्डे के डिपो प्रबंधक ने परिसर में आने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए स्थानीय पुलिस थाने को शिकायत दी थी। 22 फरवरी को स्वारगेट पुलिस थाने को लिखे पत्र में डिपो प्रबंधक ने निजी एजेंटों और ट्रांसजेंडर समुदाय के कुछ सदस्यों के खिलाफ बस यात्रियों को लूटने और परेशान करने की शिकायत की थी।

राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने ‘एक्स’ पर उक्त पत्र साझा करते हुए कहा, ‘‘स्वारगेट बस अड्डा एक व्यस्त जगह है और पुलिस को यहां अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। लेकिन अगर डिपो प्रमुख एक पत्र लिखते हैं और उस पर विचार नहीं किया जाता है, तो यह बहुत खेदजनक है।’’

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 27 February 2025 at 18:55 IST