अपडेटेड 19 March 2024 at 22:47 IST
थाईलैंड से राजकीय सम्मान के साथ भारत लाए गए भगवान बुद्ध के अवशेष, दिल्ली में की गई पूजा
Delhi News: भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अवशेष थाईलैंड से राजकीय सम्मान के साथ भारत वापस लाए गए हैं।
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Delhi News: भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अरहत सारिपुत्र और अरहत मौदगलायन के पवित्र अवशेष थाईलैंड के क्राबी से रवाना हुए और थाईलैंड के चार शहरों में 25 दिनों की प्रदर्शनी के बाद भारत लौट आए। थाईलैंड और मेकांग क्षेत्र के अन्य देशों के 4 मिलियन से अधिक भक्तों ने अवशेषों को श्रद्धांजलि दी।
पवित्र अवशेष एक विशेष भारतीय वायुसेना की उड़ान से भारत लौटे जो क्राबी से रवाना हुए। लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) के मुख्य कार्यकारी पार्षद ताशी ग्यालसन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अवशेषों के साथ भारत वापस आया।
आपको बता दें कि दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों द्वारा पूजनीय इन अवशेषों को 22 फरवरी को ‘राज्यकीय अतिथि’ के दर्जे के अनुरूप भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान में ले जाया गया था।
भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के चार पवित्र पिपराहवा अवशेष भारत में संरक्षित हैं। भगवान बुद्ध के अवशेष राष्ट्रीय संग्रहालय के संरक्षण में हैं जबकि उनके शिष्यों के अवशेष को थाईलैंड में प्रदर्शित करने के लिए मध्य प्रदेश द्वारा दिल्ली भेजा गया था।
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अवशेषों को 23 फरवरी को बैंकॉक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित मंडप में सार्वजनिक पूजा के लिए स्थापित किया गया था।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने बताया था कि यह पहली बार था जब भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के पवित्र अवशेषों को एक साथ प्रदर्शित किया गया।
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कार्यक्रम के अनुसार, इन पवित्र अवशेषों को 4-8 मार्च तक हो कुम लुआंग, रॉयल रुजाप्रुक, चियांग माई में प्रदर्शित किया गया; 9-13 मार्च तक वाट महा वानाराम, उबोन रतचथानी में और 14-18 मार्च तक वाट महा थाट, औलुएक, क्राबी में प्रदर्शित किया गया।
(इनपुटः PTI भाषा के साथ रिपब्लिक भारत)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 19 March 2024 at 19:04 IST